उत्तराखंड में अब आसान नहीं होगा बीएड एवं एमएड करना, छात्रों को देना होगा कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट
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देहरादून। उत्तराखंड में अब बीएड एवं एमएड करना आसान नहीं होगा। यदि कोई अभ्यर्थी दो वर्षीय बीएड करने के इच्छुक हैं तो उन्हं कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूटीई) परीक्षा देनी होगी। हालांकि, यह अनिवार्यता केवल हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि से संबद्ध कालेजों के लिए ही अनिवार्य है। श्रीदेव सुमन विवि के छात्र-छात्राएं पहले की ही तरह विवि का एंट्रेंस टेस्ट पास करने के बाद दाखिला ले सकेंगे।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी देश के सभी 48 केंद्रीय विवि में स्नातक व स्नातकोत्तर के साथ-साथ बीएड एवं एमएड में सीयूटीई के बाद ही प्रवेश देने का निर्णय लिया है। यह परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ओर से आयोजित की जा रही है। पर्वतीय क्षेत्र की विषय भौगोलिक परिस्थितियां होने के कारण इस बार विवि से संबद्ध कालेजों में प्रवेश को एनटीए परीक्षा नहीं देने का निर्णय लिया है, लेकिन गढ़वाल विवि से संबद्ध सभी राजकीय, सहायता प्राप्त और निजी कालेजों में बीएड कालेजों में सीयूटीई परीक्षा होगी।
इस परीक्षा को पास करने वाले छात्र-छात्राएं ही बीएड व एमएड में प्रवेश लेंगे। अब गढ़वाल विवि से संबद्ध कालेजों से बीएड करने वाले छात्रों को केंद्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के बाद ही प्रवेश मिलेगा। श्रीदेव सुमन विवि के कुलपति डा. पीपी ध्यानी ने बताया कि विवि में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को बीएड और एमएड के छात्रों को सीयूटीई की तैयारी करनी होगी। आगे विवि अनुदान आयोग ने एनटीए के माध्यम से ही बीएड में प्रवेश की नीति बनाई है।
यह आने वाले समय पर सभी विवि में अनिवार्य होगा। इसलिए सभी छात्र-छात्राओं को इसकी आज से ही तैयारी करनी चाहिए ताकि आगे राष्ट्रीय स्तर की सीयूटीई परीक्षा पास करने के बाद दाखिला मिलेगा। विवि से करीब एक लाख युवा प्रतिवर्ष स्नातक व स्नातकोत्तर की परीक्षा पास करते हैं। इसमें से कई युवा बीएड करने के बाद शिक्षक के रूप में अपना भविष्य बनाने की तैयारी करते हैं इन छात्रों को एनटीए की परीक्षा पास करनी होगी।
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