सहकारिता और पशुपालन मंत्रियों ने किया संयुक्त रूप से पोल्ट्री वैली योजना का शुभारंभ
इसके लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के तहत साढ़े छह लाख लोगों को 0% ब्याज में ऋण दिया गया है। अब पोल्ट्री किसानों की आमदनी दोगुनी करने करने के लिए यह महत्वपूर्ण समय है। डॉ रावत ने कहा कि उत्तराखंड में मुर्गी और मुर्गियां नजीबाबाद और बिजनौर से आती है अब परियोजना ने स्थानीय स्तर पर यह प्रयास कर दिया है कि पोल्ट्री किसानों को सहायता दी जाए। ताकि उनकी आमदनी दोगुनी हो और पर्वतीय अंचलों से पलायन न हो। रोजगार के असवर गाँव में ही मौजूद हों।
उन्होंने कहा कि, योजना से स्थानीय स्तर पर महिलाओं एवं युवाओं हेतु रोजगार के अवसर पैदा कर सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तीकरण होगा। डॉ रावत ने कहा कि उनके ही निर्देश में चकराता में पोल्ट्री का कार्य शुरू हुआ, अब यह पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है।
कोऑपरेटिव मिनिस्टर डॉ रावत ने कहा कि पोल्ट्री वैली को कलस्टर दृष्टिकोण से स्थापित किया जाएगा। उच्च क्षमता वाले गांव या क्षेत्रों की पहचान की जाएगी ताकि एक कलस्टर दृष्टिकोण हासिल किया जा सके जो इनपुट की आपूर्ति/ खरीद और उत्पादों के विपणन के लिए पैमाने के अर्थशास्त्र और संसाधनों के अभिसरण का समर्थन करने में मदद करेगा। डॉ रावत ने कहा कि यह सामुदायिक तौर-तरीकों को साझा करके उधमिता और सीखने को भी बढ़ावा देगा। असंगठित कुक्कुट क्षेत्र को संगठित किया जाएगा और यह पूरे वर्ष भर आय का स्रोत पैदा करेगा।
इस अवसर पर पशुपालन मंत्री सौरव बहुगुणा ने कहा कि इस योजना के लागू होने पर युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा होंगे और मातृशक्ति को भी और सशक्त होने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा पलायन रुकेगा और रोजगार बढ़ेगा । मंत्री बहुगुणा ने खुशी जाहिर की कि सहकारिता और पशुपालन विभाग आपस में मिलकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। बहुगुणा ने कहा कि योजनाओं को धरातल पर लाना आसान है लेकिन इन्हें कुशलतापूर्वक सक्सेसफुल बनाने के लक्ष्य के साथ अधिकारी कार्य करें। मंत्री बहुगुणा ने कहा कि उनके पास और आइडिया हैं जिन से किसानों की आमदनी दुगनी की जा सकती है।
इस मौके पर राज्य समेकित सहकारी विकास पर योजना के नोडल अधिकारी आनंद शुक्ला ने पूरी पोल्ट्री वैली योजना की रूपरेखा बताई। इस मौके पर निदेशक पशुपालन डॉक्टर प्रेम कुमार , नोडल अधिकारी आनंद शुक्ल, परियोजना निदेशक डॉ अविनाश आनंद , परियोजना निदेशक जयदीप अरोड़ा अल्पना हल्दिया, प्रबंधक मनोज रावत, सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।