सीएम धामी की ‘पहल’ पर ‘सुप्रीम’ मुहर, हाइकोर्ट की डबल बैंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने भी रखा बरकरार
-विधानसभा भर्ती प्रकरण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विस अध्यक्ष को पत्र लिखकर किया था जांच का अनुरोध
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किए गए कर्मचारियों के बर्खास्तगी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी। कोर्ट ने कर्मचारियों की विशेष याचिका को निरस्त कर दिया। विधानसभा भर्ती प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने भी कर्मचारियों को हटाए जाने के फैसले को सही माना है। दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रकरण में पहल करते हुए विधानसभा अध्यक्ष से जांच का अनुरोध किया था जिसके बाद मामले में जांच कमेटी गठित की गई थी। इस जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में 2016 के बाद लगे कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध पाते हुए इनकी बर्खास्तगी की सिफारिश की थी।
उत्तराखंड विधानसभा में अवैध नियुक्तियों को लेकर पिछले दिनों जमकर हंगामा बरपा। ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बगैर देर किए इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच का अनुरोध किया था। इसके बाद ही विधानसभा अध्यक्ष ने रिटायर्ड आईएएस डीके कोटिया की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने वर्ष 2016 के बाद लगे सभी कर्मचारियों की नियुक्तियों को अवैध मानते हुए इन्हें हटाने की सिफारिश की थी जिस पर इन सभी को हटा भी दिया गया। जांच समिति के फैसले के विरुद्ध कर्मचारी हाइकोर्ट की सिंगल बेंच में गए। हाइकोर्ट ने कमेटी के फैसले को स्टे कर दिया। हालांकि बाद में डबल बेंच ने कमेटी के निर्णय को सही ठहराते हुए कर्मचारियों को हटाने के फैसले को सही ठहराया। इस फैसले के विरुद्ध कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने भी हाइकोर्ट के निर्णय को बरकरार रखा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा इस मामले में जो पहल की गई थी वो आज अपने मुकाम तक पहुँच गई। बता दें कि इससे पहले नैनीताल हाईकोर्ट ने भी विधानसभा कर्मचारियों को बर्खास्त करने के विधानसभा सचिवालय के आदेश को सही ठहराया था।
सीएम ने की थी पहल
विधानसभा में बैकडोर एंट्री पर लगे कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई सीएम पुष्कर सिंह धामी की पहल के बाद हुई थी। कार्रवाई के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर अनुरोध किया था। जांच के बाद कर्मियों को हटाने की फाइल आते ही उन्होंने अनुमोदन दे दिया था।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में बनाई समिति की सिफारिशों के आधार पर 228 कर्मचारियों को बर्खास्त किया था।