CM धामी ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संसद भवन, नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने सशक्त उत्तराखण्ड@25 के क्रम में राज्य सरकार के रोडमैप को साझा करते हुए प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम आने के लिये भी आमंत्रित किया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि सशक्त उत्तराखण्ड @25 थीम पर नवम्बर माह में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी में चिन्तन शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य के सभी वरिष्ठ अधिकारियों सहित मंत्रीगणों द्वारा प्रतिभाग किया गया। चिन्तन शिविर में राज्य के विकास हेतु अल्पकालिक, मध्यकालिक तथा दीर्घकालिक रोडमैप तैयार करने पर विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि नीति आयोग की भांति State Institute for Empowering & Transforming Uttarakhand (SETU) के गठन का कार्य आरम्भ कर दिया गया है। जनपद चमोली में माणा गाँव को प्रदेश का प्रथम गाँव मानते हुए वहां कैबिनेट की बैठक आयोजित करना प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री के गत उत्तराखण्ड भ्रमण पर पर्यटको से कम से कम पाँच प्रतिशत व्यय स्थानीय सामग्री क्रय करने की अपील को राज्य सरकार ने अपने प्रमुख एजेण्डा में शामिल किया है।
मिशन प्राकृतिक खेती का क्रियान्वयन 11 जनपदों में आरम्भ किया जाना प्रस्तावित
है। यह मिशन क्ल्सटर फार्मिंग एपरोच के आधार पर प्रस्तावित है, जिसमें प्रत्येक जनपद में 500-500 हेक्टेयर के दो क्ल्सटर का गठन किया जायेगा मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतमाला योजना के अन्तर्गत 35 रोपवे चिन्हित किये गये है, जिन पर निर्धारित अवधि में कार्य आरम्भ तथा उसे पूर्ण करने हेतु रणनीति तैयार की जा रही है। आर०सी०एस० के अन्तर्गत 13 हैलीपोर्टस क्रियाशील है, जबकि राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों हेतु 19 हैलीपैड प्रस्तावित किये गये है। राज्य में स्थानीय नागरिकों को पर्यटन गतिविधि से जोड़ने हेतु होम स्टे विकास किया जा रहा है। पर्यटको के लिए सिंगल विंडो के अन्तर्गत ऑनलाइन एग्रीगेटर की व्यवस्था की जा रही है, जिससे होमस्टे में देश-विदेश के पर्यटकों को आसानी से आने-जाने में सुविधा हो सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति (2020 के अन्तर्गत प्रस्तावित बाल वाटिका कार्यक्रम आरम्भ कर दिया गया है। पी०पी०पी० मॉडल के अन्तर्गत सैनिक स्कूल के गठन हेतु 04 जनपदों में स्थल चयनित कर दिये गये है पी0एम0 गतिशक्ति के अन्तर्गत राज्य गतिशक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बङे पैमाने पर रोजगार सृजन हेतु जहाँ विभिन्न उद्योगों के साथ नये एमओयू कराये जाने का प्रस्ताव है, वहीं औद्योगिक पार्कों की स्थापना तथा नये औद्योगिक क्ल्सटर व ग्रोथ सेन्टर का विकास करते हुए एक जिला- दो उत्पाद के अन्तर्गत स्वरोजगार को बढ़ावा देने की रणनीति तैयार की जा रही है।
राज्य में उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु लाँजिस्टिक पाॅलिसी, सर्विस सेक्टर पाॅलिसी, प्राईवेट औद्योगिक नीति और नयी एमएसएमई नीति लायी जा रही है। ईज ऑफ डूविंग बिजनेस के अन्तर्गत सिंगल विन्डो सिस्टम को सुदृढ़ करते हुए कम्प्लाइन्स बर्डन को कम किया जा रहा है।
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की तरह टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। मुख्यमंत्री ने आग्रह किया कि सामरिक दृष्टि से संवेदनशील राज्य तथा सीमित संसाधनों के कारण तथा राज्य को रेल परियोजनाओं की लागत में 50 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी वहन करने की शर्त पर छूट आवश्यक है। जिन रेल परियोजनाओं का रेट ऑफ रिर्टन निगेटिव है उनकी भी स्वीकृति इस राज्य हेतु आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन एवं पर्वतीय क्षेत्र की आर्थिकी को बढ़ावा देने नैनी सैनी, गौचर तथा चिन्यालिसौड़ हवाई पटटियों का विस्तारीकरण एयरपोर्ट के रूप में आवश्यक है। सामरिक दृष्टिकोण तथा पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु जौलीग्रान्ट तथा पन्तनगर एयरपोर्ट का भी विस्तारीकरण आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के निकट स्थित चौखुटिया क्षेत्र में नये एयरपोर्ट/ हवाई पट्टी की स्थापना करना आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से आवश्यक होगा। आपदा भूस्खलन, अतिवृष्टि वनाग्नि ग्लेशियर खिसकना आदि के दृष्टिगत एक सशक्त वेदर फोरकास्टिंग सिस्टम, डॉप्लर रडार से युक्त अवस्थापना की अत्यन्त आवश्यकता हैं । मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सौर ऊर्जा व लघु जल विद्युत परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु नवीकरणीय ऊर्जा/ लघु जलविद्युत् नीति बनायी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में परिवार पहचान पत्र तैयार करने का कार्य आरम्भ किया जा रहा है, जिसमें सभी प्रकार की लाभार्थीपरक योजनाओं को इस प्रकार से लिंक किये जाने का प्रस्ताव है कि किसी भी परिवार से लाभार्थी का चयन निर्धारित मानकों एवं योग्यता के आधार पर ऑटोमेटिक हो जाए। ईज ऑफ लिविंग के अन्तर्गत नागरिकों की आसानी के लिए अपुणी सरकार पोर्टल में 475 से अधिक सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है।