ऑफिस के काम और पेरेंट्स की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स

ऑफिस के काम और पेरेंट्स की जिम्मेदारियों के बीच संतुलन के लिए अपनाएं ये 5 टिप्स

कामकाजी लोगों को घर से काम करना पसंद होता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वह अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है। आप भले ही शारीरिक रूप से घर पर मौजूद हैं, लेकिन आप ऑफिस के काम की जिम्मेदारियों से बंधे हुए होते हैं। ऐसे में काम और पेरेंट्स होने की जिम्मेदारियां के बीच संतुलन बनाए रखना मुश्किल होता है। आइए आज दोनों जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाए रखने के पांच टिप्स जानते हैं।

शांत माहौल बनाने के लिए कुछ संकेत बनाएं
दिन के किस समय पर आपकी प्रोडक्टिविटी ज्यादा है, इस बात पर ध्यान दें और फिर उसी हिसाब से कामों को प्राथमिकता दें। इसके साथ ही अपनी नियमित गतिविधियों को करने के लिए पहले से समय तय करें और ज्यादा काम होने पर शांत माहौल बनाने के लिए अपने बच्चों को पहले से ही तैयार करते रहें। उदाहरण के लिए आप अपने दरवाजे पर डू नॉट डिस्टर्ब साइन लगा सकते हैं, ताकि बच्चों को इसकी आदत हो जाए।

अपने पार्टनर के साथ जिम्मेदारियों को शेयर करें
माता-पिता दोनों को बच्चे की देखभाल और जिम्मेदारियों को शेयर करने पर ध्यान देना चाहिए। इस वजह से काम को बांटने के लिए अपने पार्टनर के साथ ऑफिस के काम के एजेंडे पर बातचीत करें। याद रखें कि आपको काम इस तरह से शेयर करना है कि आप अपनी प्रोफेशनल लाइफ को प्रभावित किए बिना पेरेंट्स की जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा पाएं। इसके साथ ही पेरेंट्स को परिस्थितियों को समझते हुए एक दूसरे की मदद करनी चाहिए।

अपने सहकर्मियों के साथ चीजें न छुपाएं
कुछ परिस्थितियां ऐसी हो सकती हैं, जहां पर आपको अपने प्रोफेशनल की जगह पेरेंट्स की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देने की जरूरत हो सकती है। ऐसी स्थितियों में आपको जबरदस्ती सब कुछ ठीक होने का दिखावा करने की कोई जरूरत नहीं है। इस तरह की स्थिति में आप अपने सहकर्मियों के साथ खुलकर बात करें और उन्हें कुछ भी बताने से बिल्कुल भी न हिचकिचाएं। हालांकि, आपको यह जरूर सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में आप काम की भरपाई कर देंगे।

अपने बच्चों को स्वतंत्र रहना सिखाएं
शुरू में भले ही आपको यह काम थोड़ा चुनौतीपूर्ण लग सकता है, लेकिन धीरे-धीरे यह आसान हो जाएगा। एक पेरेंट्स होने के नाते अपने बच्चों को खुद निर्णय लेना सिखाएं ताकि वह हर समय आपको तंग न करें और किसी भी चीज पर आपकी राय का इंतजार न करे। इस वजह से स्वतंत्र रूप से बच्चों को खेलने के लिए प्रोत्साहित करें और कुछ काम उन्हें ही करने दें। उदाहरण के लिए अपने बच्चे को उनके कपड़े खुद धोना सिखाएं।

बच्चे को स्वतंत्र गतिविधियां करना सिखाएं
आपके बच्चे किताब पढऩे या टीवी देखने जैसी गतिविधियों में हमेशा व्यस्त नहीं रहेंगे, इसलिए उन्हें स्वतंत्र गतिविधियां सिखाकर खेल में व्यस्त रखें। पेरेंट्स के रूप में आप उन्हें पजल को हल करने या अपनी खुद की कुछ ड्रॉइंग बनाने जैसी गतिविधियों को करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसमें आपकी सक्रिय भागीदारी की जरूरत नहीं होगी। इससे आपको अपने ऑफिस के काम पर ध्यान देने के लिए थोड़ा ज्यादा समय मिलेगा।

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