कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली की चिंता

कांग्रेस को अमेठी और रायबरेली की चिंता

कांग्रेस पार्टी और सोनिया गांधी के परिवार को दो पारंपरिक लोकसभा सीटों- अमेठी और रायबरेली की चिंता सता रही है। इन सीटों पर दशकों से परिवार का कब्जा रहा है लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने अमेठी सीट पर राहुल गांधी को हरा दिया था। राहुल की टीम को पहले से इसका अंदाजा था इसलिए केरल की वायनाड सीट से भी वे चुनाव लड़े थे, जहां से अभी सांसद हैं। सो, अब बड़ा सवाल यह है कि राहुल गांधी इस बार अमेठी से चुनाव लडेंगे या नहीं? अगर लड़ेंगे तो क्या एक ही सीट से लड़ेंगे या फिर अमेठी और वायनाड दोनों सीटों से लड़ेंगे?

ध्यान रहे नेहरू-गांधी परिवार का कोई भी सदस्य लगातार दो चुनाव नहीं हारा है। इंदिरा गांधी भी रायबरेली से हारी थीं तो चिकमगलूर से उपचुनाव में जीत गई थीं और उसके बाद फिर नहीं हारीं। सोनिया गांधी कोई भी चुनाव नहीं हारी हैं। राहुल भी 2004 से चुनाव लड़ रहे हैं और पहली बार 2019 में अमेठी से हारे। इसलिए परिवार यह जोखिम नहीं ले सकता है कि वे फिर से अमेठी लड़ें और हार जाएं। उत्तर प्रदेश की अभी जो स्थिति है, वह कांग्रेस के लिए बहुत अच्छी नहीं है। भाजपा हिंदुत्व की लहर पर सवार है और कांग्रेस व परिवार ने भी दोनों क्षेत्रों को छोड़ा हुआ है। दूसरी ओर भाजपा और स्मृति ईरानी दोनों क्षेत्र में सक्रिय हैं।

जहां तक रायबरेली का सवाल है तो यह लगभग तय है कि सोनिया गांधी इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी। उनकी सेहत भी ठीक नहीं है और कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोडऩे के बाद वे लगभग संन्यास की स्थिति में हैं। अगर उनको सांसद बनना भी होगा तो शरद पवार की तरह राज्यसभा में चली जाएंगी। तभी माना जा रहा है कि उनकी सीट से इस बार प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ सकती हैं। उस सीट को लेकर कांग्रेस फिर भी भरोसे में है लेकिन अमेठी को लेकर पार्टी का भरोसा नहीं बन रहा है।

यह तय मानें कि इन दोनों सीटों पर भाजपा बड़ी लड़ाई बनाने का प्रयास करेगी। अगर प्रियंका और राहुल चुनाव लड़ते हैं या सिर्फ प्रियंका लड़ती हैं तब भी पार्टी घेराबंदी करेगी। कोई बड़ा और जुझारू उम्मीदवार उतारा जाएगा ताकि प्रियंका को उनके क्षेत्र में ही घेरा जा सके। कांग्रेस की एक चिंता यह भी है कि अगर राहुल गांधी फिर अमेठी नहीं लड़ते हैं तो कौन लड़ेगा? एक जमाने में जब परिवार का कोई सदस्य नहीं लड़ता था तो कैप्टेन सतीश शर्मा और संजय सिंह जैसे परिवार के करीबी लोग लड़ते थे। अब ऐसा कौन है, जिसको चुनाव लड़ाया जाए? कांग्रेस में इस बात पर विचार हो रहा है। क्या प्रियंका और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा दोनों चुनाव लड़ सकते हैं? इसका क्या मैसेज होगा, इस पर भी विचार हो रहा है। अगले कुछ दिन में कांग्रेस को तय करना है कि रायबरेली और अमेठी की दो सीटों से कौन लड़ेगा और फिर उसकी तैयारी शुरू करनी है।

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