पंचाचूली ग्लेशियर की तलहटी पर स्थित बुग्याल दो दिन से धधक रहे, मौके पर रवाना हुई वन विभाग की एक टीम 

पंचाचूली ग्लेशियर की तलहटी पर स्थित बुग्याल दो दिन से धधक रहे, मौके पर रवाना हुई वन विभाग की एक टीम 

मुनस्यारी। दुलर्भ वन्य जीवों के शिकार के लिए अनुकूल मौसम मिलते ही अवैध शिकार करने वाले सक्रिय हो चुके हैं। पंचाचूली ग्लेशियर की तलहटी पर स्थित बुग्यालों से दो दिन से धुआं उठ रहा है। वन विभाग की एक टीम मौके को रवाना हो चुकी है। विगत लंबे समय से उच्च हिमालय में मौसम खराब नहीं होने के कारण हिमपात नहीं हुआ है। जिसके चलते उच्च हिमालय से माइग्रेशन करने वाले दुलर्भ वन्य जीव कस्तूरा, भरल, थार आदि बुग्यालों में शरण लेते हैं। विशेषकर कस्तूरी मृग हिमरेखा के निकट ही रहता है। इस समय ये सभी वन्य जीव बुग्यालों में रहते हैं।लगभग सभी झुंड में होते हैं। इस समय इनके नए जन्मे शावक भी होते हैं। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि मौसम साफ रहने से इन ऊंचाई वाले बुग्यालों तक पहुंचना अवैध शिकारियों के लिए आसान रहता है। अनुकूल मौसम मिलते ही अवैध शिकारी सक्रिय हो जाते हैं।

आदि काल से ही वन्य जीवों के शिकार का आदम युग वाला तरीका अपनाया जाता है। शिकारी विशाल बुग्यालों में गोल घेरे में सूख रही घास पर आग लगा देते हैं। गोल घेरे में लगी आग धीरे-धीरे सिकुड़ती जाती है। इस आग की चपेट में आने से कुछ वन्य जीव मर जाते हैं। शिकारी आग शांत होने के बाद मृत वन्य जीवों को अपने साथ ले जाते हैं।लगभग सभी झुंड में होते हैं। इस समय इनके नए जन्मे शावक भी होते हैं। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि मौसम साफ रहने से इन ऊंचाई वाले बुग्यालों तक पहुंचना अवैध शिकारियों के लिए आसान रहता है। अनुकूल मौसम मिलते ही अवैध शिकारी सक्रिय हो जाते हैं।

आदि काल से ही वन्य जीवों के शिकार का आदम युग वाला तरीका अपनाया जाता है। शिकारी विशाल बुग्यालों में गोल घेरे में सूख रही घास पर आग लगा देते हैं। गोल घेरे में लगी आग धीरे-धीरे सिकुड़ती जाती है। इस आग की चपेट में आने से कुछ वन्य जीव मर जाते हैं। शिकारी आग शांत होने के बाद मृत वन्य जीवों को अपने साथ ले जाते हैं।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *