कांग्रेस को राज्यों में प्रभारियों की जरूरत

कांग्रेस को राज्यों में प्रभारियों की जरूरत

कांग्रेस संगठन में बदलाव की शुरुआत हो गई है। पहला बदलाव गुजरात में हुआ है, जहां शक्ति सिंह गोहिल को अध्यक्ष बनाया गया है। उनके अलावा वर्षा गायकवाड को मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। पुड्डुचेरी में भी कांग्रेस ने नया अध्यक्ष बनाया है। कहा जा रहा है कि नए अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ ही केंद्रीय पदाधिकारियों की नियुक्ति होगी और राज्यों में नए प्रभारी बनाए जाएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने शक्ति सिंह गोहिल की जगह गुजरात के ही नेता दीपक बाबरिया को दिल्ली और हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है लेकिन बताया जा रहा है कि यह भी अस्थायी व्यवस्था है। केंद्रीय पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद ही स्थायी रूप से राज्यों का प्रभार बंटेगा।

इस बीच कई राज्यों में अलग अलग कारणों से कांग्रेस को प्रभारियों की जरूरत है। कांग्रेस में एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत है। इसके तहत दो राज्यों में तत्काल प्रभारी नियुक्त करने की जरूरत है। तमिलनाडु के कांग्रेस प्रभारी दिनेश गुंडुराव और महाराष्ट्र के प्रभारी एचके पाटिल दोनों कर्नाटक की नई सरकार में मंत्री बन गए हैं। उनकी जगह दोनों अहम राज्यों में प्रभारी नियुक्त किया जाना है। इसी तरह पिछले साल गुजरात में कांग्रेस के बुरी तरह से हारने के बाद प्रभारी रघु शर्मा ने पद छोडऩे की पेशकश की थी। वहां भी नया प्रभारी नियुक्त होना है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए कांग्रेस को बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में ऐसे प्रभारी नियुक्त करने हैं, जो तालमेल की बात बेहतर तरीके से करके गठबंधन में कांग्रेस के लिए अच्छी डील हासिल कर सकें। उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस को ऐसा प्रभारी नियुक्त करना है, जो कांग्रेस के पुराने वोट बैंक को वापस लाने में मददगार हो।

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