चुनाव के लिए अधिकारियों का सेवा विस्तार

चुनाव के लिए अधिकारियों का सेवा विस्तार

केंद्र सरकार ने एक के बाद एक अधिकारियों को सेवा विस्तार दिया है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के प्रमुख का मामला तो अलग है क्योंकि उसमें जो हो रहा है उस पर सुप्रीम कोर्ट की नजर है। लेकिन उसके अलावा सरकार ने दो सबसे बड़े अधिकारियों- कैबिनेट सचिव और गृह सचिव को एक एक साल का सेवा विस्तार दिया है। पहले कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को तीसरा विस्तार दिया गया और उसके बाद गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को एक साल का चौथा विस्तार दिया गया। बताया जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को ध्यान में रख कर सरकार ने फैसला किया है। चुनाव से पहले केंद्र सरकार अधिकारियों के बीच बना सामंजस्य बिगाडऩा नहीं चाहती है। हालांकि इससे कई अधिकारी नाराज और निराश बताए जा रहे हैं। खास कर 1986 बैच के अधिकारी, जिनमें से कई कैबिनेट सचिव या गृह सचिव बनने की उम्मीद कर रहे थे।

बहरहाल, यह संयोग है कि इस समय सारे उच्च पदों पर बैठे अधिकारी 1984 बैच के हैं। कैबिनेट सचिव और गृह सचिव के अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार भी 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। सरकार ने गौबा और भल्ला को एक एक साल का सेवा विस्तार देकर यह सुनिश्चित कर दिया है कि अगला लोकसभा चुनाव 1984 बैच के अधिकारियों की देख-रेख में होगा। अगले साल जब कैबिनेट सचिव और गृह सचिव का विस्तारित कार्यकाल समाप्त होगा तब तक उनके आगे के दो या तीन बैच के लगभग सारे अधिकारी रिटायर हो चुके होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल भी 2025 के शुरू में समाप्त होगा। ईडी के प्रमुख संजय मिश्रा का कार्यकाल जरूर सितंबर में समाप्त हो जाएगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के आग्रह पर 15 सितंबर तक का कार्यकाल दिया है।

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