इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ या दुर्घटनास्थल के पास तोडफ़ोड़, ओडिशा ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच शुरू

इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ या दुर्घटनास्थल के पास तोडफ़ोड़, ओडिशा ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच शुरू

बालासोर। ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। ये भीषण ट्रेन हादसा बहानागा बाजार रेलवे स्टेशन पर हुआ था। हादसे में 288 यात्रियों की जान गई थी। जबकि, 1000 के करीब यात्री घायल हुए थे। सीबीआई जांच के अलावा ये खबर भी आ रही है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के कुछ अफसर भी ट्रेन हादसे के बाद जायजा लेने बहानागा बाजार स्टेशन पहुंचे हैं। माना जा रहा है कि इस मामले में वस्तुस्थिति की हकीकत जानने के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से इन अफसरों को भेजा गया है।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने सोमवार को बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल का दौरा किया और दुर्घटना की जांच शुरू की। पूर्व तट रेलवे के अंतर्गत खुर्दा रोड डिवीजन के डीआरएम रिंकेश रे ने कहा कि उन्हें जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार बालासोर में हुए ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। लेकिन अभी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।

रेलवे बोर्ड ने रविवार को हादसे की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। इससे पहले रेल सुरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान वह बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के कंट्रोल रूम, सिग्नल रूम और सिग्नल प्वाइंट पर भी गए। बता दें, तीन जून को बालासोर में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने ट्रेन दुर्घटना को लेकर भारतीय दंड संहिता और रेलवे अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।

आपको बता दें, ट्रेन हादसे के अगले दिन मृतकों की संख्या 288 बताई गई थी, लेकिन ओडिशा सरकार ने रविवार को आंकड़ों को संशोधित कर 275 लोगों के मरने के जानकारी दी थी। दावा किया था कि कुछ शव दो बार गिने गए थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि हादसे में उनके राज्य के 61 लोग मारे गए हैं और 182 लोग अभी भी लापता हैं।

डीआरएम रिंकेश रे ने कहा कि फिलहाल 200 से कम लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि 278 शवों में से 177 की पहचान कर ली गई है, जबकि 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है और इन शवों को छह अलग-अलग अस्पतालों में रखा गया है। उन्होंने ने कहा कि रेलवे ने लापता व्यक्ति का पता लगाने के लिए ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में लोगों को तैनात किया है। उन्होंने कहा कि शवों को वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाएगा।

एसबीआई लाइफ समेत कई बीमा कंपनियों ने ओडिशा ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों से संबंधित दावों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की घोषणा की है, ताकि पीडि़त परिवारों को तत्काल आर्थिक राहत मिल सके। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के चेयरमैन तपन सिंघल ने कहा कि पीडि़तों का सहयोग करने के लिए हमने एक समर्पित हेल्पलाइन और डिजिटल क्षमताएं तैयार की हैं, ताकि ग्राहकों या उनके परिवार के सदस्यों के लिए बीमाकर्ताओं तक पहुंचना आसान हो। सिंघल ने कहा कि बीमाकर्ताओं ने विशेष टीमें बनाई हैं, ताकि ऐसे दावों में तेजी लाई जा सके और बीमाधारकों के दावों को बिना किसी परेशानी और जल्द से जल्द निपाटाया जा सके। एसबीआई लाइफ ने बीमाधारकों की सुविधा के लिए टोल फ्री नंबर 1800 267 9090 भी जारी किया है। दावों के निपटान के लिए दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया भी आसान बनाई है। इसी तरह अन्य कंपनियों ने भी उपाय किए हैं।

देवोत्थान सेवा समिति ने बालासोर में हुई भयावह रेल दुर्घटना में लावारिस शव के दाह संस्कार के बाद रखे अस्थि कलश को वैदिक रीति से विसर्जन करने का निर्णय लिया है। अस्थि को हरिद्वार के कनखल सतीघाट पर वैदिक रीति के साथ 100 किलो दूध की धारा के साथ विसर्जन किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष अनिल नरेंद्र ने कहा है कि इस हृदय विदारक दुर्घटना से पूरा राष्ट्र स्तब्ध है। लावारिस शवों के अंबार की खबर ने संस्था को झकझोर दिया है। समिति का एक दल जल्द ही बालासोर के लिए रवाना होगा। जहां सरकार द्वारा लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी कराने के बाद उनके अस्थि कलश को संग्रहीत करेगा। समिति के महामंत्री विजय शर्मा ने कहा कि भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू परिवारों की वर्षो से रखी करीब 295 अस्थि कलश सहित 1,55,746 अस्थि कलश का वैदिक रीति से विसर्जन समिति करा चुकी है।

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