निवेश से खुलेंगे उत्तराखण्ड की समृद्वि के द्वार

निवेश से खुलेंगे उत्तराखण्ड की समृद्वि के द्वार

देहरादून। उत्तराखंड वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए पूरी तरह से तैयार है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री सीएम धामी निवेश के लिए देश से लेकर विदेशी निवेशकों को राज्य में बुला रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके स्वागत के लिए प्रदेश तैयार है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा अभी तक तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश के एमओयू कर चुके हैं। इन निवेश को जमीन पर उतारने के प्रयास शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वैश्विक निवेशक सम्मेलन डेस्टिनेशन उत्तराखंड की थीम पर आधारित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा निवेशक सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य इकोलॉजी और इकोनॉमी को समन्वय बनाते हुए राज्य में अधिक से अधिक रोजगार सृजन है। हमें सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए भविष्य में देवभूमि को अग्रणी राज्य बनाने के सपने को साकार करना है।

 

सीएम ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे प्रेरणा स्रोत हैं। उन्हीं के मार्गदर्शन में निवेशक सम्मेलन हो रहा है। यह देश को फाइव ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सिंगल विंडो सिस्टम पॉलिसी बेहतर और सरल है और निवेश को आकर्षित करने वाली है। बाबा केदार के धाम से निकली प्रधानमंत्री की शिव रूपी वाणी की 21 वीं सदी का यह तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। इसको मूर्तरूप देने के लिए हमारी सरकार पूर्ण रूप से कटिबद्ध है। हम इसके लिए अनवरत रूप से प्रयास करते रहेंगे।

उत्तराखंड में निवेश के बड़े प्रस्तावों में जेएसडब्लू कंपनी पंप स्टोरेज प्लांट में 15 हजार करोड़, नैनी पेपर्स कंपनी पेपर पल्प प्रोजेक्ट में 3 हजार करोड़, एगर टेक्नोलॉजी कंपनी लीथियम ऑयन बैटरी रिसाइकिलिंग में 2 हजार करोड़, आईटीसी कंपनी पेपर एंड पल्प में 5 हजार करोड़, हयाय ग्रुप फाइव स्टार होटल में 2 हजार करोड़, खमास कंपनी टिहरी में आतिथ्य क्षेत्र में 2 हजार करोड़ और लुलू समूह के साथ रिटेल, मॉल और आतिथ्य क्षेत्र में 1700 करोड़ के निवेश पर करार हो चुका है। वैश्विक निवेशक सम्मेलन से पहले सरकार ने कई उन नीतियों को बदला है, जो निवेश के इच्छुक कारोबारियों और उद्यमियों के मार्ग में बाधक बनती थीं। देश और दुनिया से निवेशकों को उत्तराखंड में लाने के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, मंत्रियों और अधिकारियों के समूह ने विदेश में लंदन, बर्मिघम, दुबई और अबूधाबी में रोड शो किए।

उत्तराखंड में निवेश के लिए विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों के साथ एम ओ यू पर भी हस्ताक्षर किए। इन देशों में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंडी लोगों से भी मिले। देश में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, अहमदाबाद और चेन्नई में और राज्य में भी रुद्रपुर, देहरादून, हरिद्वार और हल्द्वानी में भी रोड शो और निवेशकों से मिलने और एम.ओ. यू पर हस्ताक्षर के समय पर सी.एम. ने अपनी उपस्थिति बनाए रखी। राज्य के अन्य सभी जिलों में यह जिम्मेदारी सहयोगी मंत्रियों और अधिकारियों को टीम को सौंपी गई। राज्य में आप्रवासी उत्तराखंड प्रकोष्ठ की स्थापना भी की गई। राज्य में उद्यम स्थापित करने में जमीन बाधान बने इसलिए 6 हजार एकड़ भूमि का लैंड बैंक बनाया गया है। परिणाम सामने है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राज्य सरकार ऐसे निवेश प्रस्तावों को सबसे अधिक तरजीह दे रही है जिनसे रोजगार पैदा होने की संभावनाएं अधिक हैं। उद्योग, शिक्षा, सिविल एविएशन, हैल्थ केयर, रियल एस्टेट, पर्यटन, इंफ्रास्ट्रक्चर, न्यू स्टार्ट अप, फूड प्रोसैसिंग, ऊर्जा और बिजली और ग्रीन एनर्जी सहित तमाम विषयों पर विमर्श भी होगा और समझौते भी। वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उत्तराखंडी व्यंजनों की खुशबू भी खूब बिखरेगी। सम्मेलन के फूड कोर्ट का जिम्मा ताज ग्रुप को सौंपा गया है और उसने मेन्यू को अंतिम रूप दे दिया है। सम्मेलन में देश-विदेश से आने वाले मेहमान उत्तराखंडी कढ़ी, पहाड़ी पालक की काफली, गहथ की दाल, झंगोरे की खीर, सिंगोरी, बाल मिठाई, कुमाऊंनी खट्टा-मीठा कद्दू जैसे तमाम व्यंजनों का स्वाद चखेंगे।

इसके साथ ही सम्मेलन के दौरान परोसे जाने वाले भोजन में मिलेट, यानी मोटा अनाज के व्यंजनों पर अधिक जोर दिया गया है। वैश्विक निवेशक सम्मेलन उत्तराखंड के व्यंजनों की ब्रांडिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। यहां के पारंपरिक व्यंजनों को आधुनिकता का समावेश करते हुए सम्मेलन के दौरान मेहमानों को परोसा जाएगा। सरकार की इस पहल से यहां के व्यंजनों को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। यही नहीं, मिलेट, यानी मोटे अनाज के व्यंजनों को भी मेन्यू में शामिल किया गया है। मेहमान बाजरे की रोटी व खिचड़ी, पहाड़ी तड़के वाली दाल, पहाड़ी पालक की काफली का स्वाद लेंगे। मीठे में मंडुवे व अखरोट का हलवा, झंगोरे की खीर जैसे व्यंजनों का लुत्फ उठाएंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य में उत्तराखंड भी अपनी भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा है। वैश्विक निवेशक सम्मेलन में हुए समझौतों को हकीकत में जमीन पर उतारने के लिए भी ग्राऊंडिंग पर सरकार का पूरा फोकस है। 2018 के निवेशक सम्मेलन में सरकार का अनुभव बहुत अच्छा नहीं रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उनकी सरकार और राज्य के अधिकारियों के लिए इस वैश्विक निवेशक सम्मेलन की सफलता उत्तराखंड को देश का सबसे तेजी से विकसित होते राज्य के रूप में स्थापित करने की ऐसी परीक्षा है, जिसमें भविष्य के लिए कई नई राहें खुलेंगी।

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