केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति ने ऊखीमठ से अपने धाम के लिए किया प्रस्थान, पहले पड़ाव पर पहुंचेगी गुप्तकाशी

केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति ने ऊखीमठ से अपने धाम के लिए किया प्रस्थान, पहले पड़ाव पर पहुंचेगी गुप्तकाशी

रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने धाम के लिए प्रस्थान किया। सेना की बैंड धुनों और भक्तों के जयकारों के बीच डोली पहले पड़ाव पर रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी। 22 को फाटा, 23 को गौरीकुंड में रात्रि प्रवास करते हुए डोली 24 अप्रैल को अपने धाम पहुंचेगी। 25 अप्रैल को सुबह 6.10 बजे कपाटोद्घाटन होगा। वहीं भगवान भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

भगवान केदारनाथ की निर्विघ्न यात्रा के लिए क्षेत्रपाल के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ की आराधना की गई। साथ ही देवता की पूरी-पकौड़ी से बनी मालाओं से श्रृंगार कर अष्टादश आरती उतारी गई। बृहस्पतिवार को पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ स्थित भैरवनाथ मंदिर में बाबा केदार की डोली के धाम प्रस्थान की पूर्व संध्या पर विशेष पूजा-अर्चना की गई। धाम के लिए नियुक्त पुजारी शिव लिंग द्वारा भगवान भैरवनाथ का पंच ब्रह्म मंत्र से अभिषेक किया गया।

साथ ही पंचामृत अभिषेक रुद्राभिषेक के साथ पूरी-पकौड़ी की माला से श्रृंगार किया गया। बाल भोग के बाद भगवान भैरवनाथ को महाभोग लगाया गया। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग की अगुवाई में शिवाचार्य महास्वामी केदार लिंग, पुजारी शिव शंकर लिंग, बागेश लिंग, गंगाधर लिंग द्वारा अष्टादश आरती उतारी गई। वहीं, मंदिर के वेदपाठी विश्वमोहन जमलोकी, यशोधर मैठाणी, नवीन मैठाणी, मृत्युंजय हीरेमठ, आशाराम नौटियाल के वेद मंत्रोच्चारण के बीच सभी धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया गया।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *