जेएन1 वेरिएंट से अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं हुई वृद्धि- आईएनएसएसीओजी प्रमुख

जेएन1 वेरिएंट से अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या नहीं हुई वृद्धि- आईएनएसएसीओजी प्रमुख

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट जेएन.1 के मामलों में वृद्धि के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट पर है। केरल में कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में सबसे अधिक वृद्धि देखी जा रही है। इस बीच आईएनएसएसीओजी के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा का कहना है कि नए वेरिएंट के खिलाफ कोविड वैक्सीन की किसी अतिरिक्त खुराक की कोई आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा मृत्यु दर और अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में भी बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।

आईएनएसएसीओजी के अध्यक्ष डॉ अरोड़ा ने कहा, नए वेरिएंट से 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के संक्रमित होने की संभावना अधिक है या जिन लोगों की प्रतिरोक्षक क्षमता कम है और जो अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं उन्हें अधिक सावधानी बरते की जरूरत है। उन्होंने कहा, इन लोगों को सावधानी बरतने की सलाह की दी जाती है, लेकिन इन्हें किसी भी अतिरिक्त कोविड वैक्सीन की कोई आवश्यकता नहीं है।

डॉ अरोड़ा ने कहा, देश में अक्टूबर से और अब तक पिछले 8 हफ्तों में जेएन.1 के 22 मामले सामने आए हैं। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है।उन्होंने कहा, नए वेरिएंट से संक्रमित अस्पताल में 1 प्रतिशत से भी कम मरीज हैं। इसके लक्षण अन्य वेरिएंट्स के बहुत समान हैं और जेएन.1 को अन्य वेरिएंट्स से अलग नहीं किया जा सकता है।

डॉ अरोड़ा ने कहा, बीते सालों में देश भर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन के विभिन्न वेरिएंट्स सामने आए हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी गंभीरता नहीं बढ़ाई है।उन्होंने कहा, हमने अब तक 400 से अधिक वेरिएंट्स की पहचान की है। इनमें से कोई भी वेरिएंट्स अधिक गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने से जुड़ा हुआ नहीं है। वर्तमान में कोरोना के नए मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या कम है।

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