दस घंटे बाद खुला ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे, देर रात तक मलबा हटाने में जुटी रही मशीनें

दस घंटे बाद खुला ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे, देर रात तक मलबा हटाने में जुटी रही मशीनें
रुद्रप्रयाग। ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे नरकोटा में पहाड़ी से हुए भूस्खलन के कारण दस घंटे तक बंद रहा। उधर, तिलवाड़ा-मयाली-चिरबटिया-घनसाली राज्य मोटर मार्ग पर 12वें दिन भी यातायात संचालित नहीं हो पाया। शनिवार को सुबह दस बजे ऋषिकेश-बद्रीनाथ राजमार्ग पहाड़ी से गिरे पत्थर व मलबे के कारण बंद हो गया। इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रही। हाईवे बंद होने के कुछ ही देर बाद एनएच द्वारा यहां मशीनों से मलबा सफाई काम शुरू किया गया लेकिन पहाड़ी से रुक-रुककर मलबा व पत्थर गिरते रहे। इससे कार्य प्रभावित हुआ। दोपहर बाद यातायात बहाल हो पाया, लेकिन फिर मलबा-बोल्डर आने से बंद हो गया।
देर रात तक मशीनें मलबा हटाने में जुटी रही, जिसके बाद सुबह आवाजाही शुरू हो पाई। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ऑलवेदर रोड परियोजना बदरीनाथ हाईवे पर एक मौसम भी नहीं झेल पाई है। स्थिति यह है कि बारिश से हाईवे पर हाल ही में निर्मित करोड़ों के पुस्ते धराशायी हो गए हैं। साथ ही कहीं सड़क धंस गई है, जिससे बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं के वाहनों की आवाजाही भी मुश्किल से हो पा रही है। ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य का जिम्मा गौचर से हेलंग तक एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग एवं ढांचागत विकास निगम) और हेलंग से माणा तक सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पास है। हेलंग तक करीब नब्बे फीसदी चौड़ीकरण और डामरीकरण कार्य हो गया है।
यहां चटबापीपल, पंचपुलिया, कालेश्वर, लंगासू, बाजपुर, क्षेत्रपाल, बिरही चाड़ा, चमोली चाड़ा, कौड़िया, पाखी और हेलंग में दीवार निर्माण, कॉजवे और चट्टान कटिंग कार्य चल रहा है। मारवाड़ी से कंचनगंगा तक अभी हिल कटिंग कार्य चल रहा है। कहीं पुस्तों का निर्माण हो रहा है। इस बरसात में बदरीनाथ हाईवे को भारी नुकसान हुआ है। कर्णप्रयाग में हाईवे का करीब 30 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। पुरसाड़ी में भी पुल के समीप सीमेंट का पुश्ता टूट चुका है। यहां डामरीकरण कार्य भी पूर्ण हो गया था। लामबगड़ के समीप बेनाकुली में भी करीब 20 मीटर का सीमेंट का पुस्ता भारी बारिश के दौरान टूट गया है। इन जगहों पर भारी वाहनों की आवाजाही मुश्किल से हो पा रही है। पाखी से टंगणी के बीच कई जगहों पर हाईवे धंस गया है।
मारवाड़ी से टैय्या पुल तक हाईवे बेहद तंग हालत में पहुंच गया है। यहां बीआरओ की ओर से हिल कटिंग की गई। बरसात में चट्टानी भाग से भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर हाईवे पर आने से हाईवे बेहद संकरा हो गया है। बाजपुर में भी हिल कटिंग से हाईवे खस्ता हालत में है। लोगों का कहना है कि एनएच की ओर से अनियोजित कटिंग की जा रही है, जिससे पहाड़ियां धंस रही हैं। करोड़ों के पुश्तों का निर्माण में भी गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है। बद्रीनाथ हाईवे पर जहां-जहां ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत चट्टान और पहाड़ियों पर कटिंग हुई है, वहां चटख धूप में पत्थर छिटक रहे हैं। बिरही चाड़ा में चट्टान पर हाल में कटिंग हुई है, यहां रह-रहकर पत्थर हाईवे पर गिर रहे हैं। इससे कई वाहनों के शीशे भी चकनाचूर हो गए हैं।
बरसात में कई बड़े प्रोजेक्ट धराशायी हो जाते हैं। बद्रीनाथ हाईवे पर जहां-जहां नुकसान हुआ है, उसे ठीक करवा लिया जाएगा। ऑलवेदर रोड परियोजना कार्य पूर्ण होने के चार साल तक हाईवे की मेंटिनेंस का जिम्मा ठेकेदार के पास रहेगा। हाईवे को सुरक्षित और सुगम बनाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।

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