पुरोला में 21 दिन बाद मुस्लिम व्यापारियों की सात दुकानें खुली, बाजार में पहले की तरह चहल-पहल देखने को मिली

पुरोला में 21 दिन बाद मुस्लिम व्यापारियों की सात दुकानें खुली, बाजार में पहले की तरह चहल-पहल देखने को मिली

पुरोला। लव जिहाद के विरोध में पुरोला में मुस्लिम व्यापारियों से दुकानें खाली कराने को लेकर तीन सप्ताह पहले उपजा गतिरोध अब टूटता नजर आ रहा है। पुरोला में 21 दिन बाद मुस्लिम व्यापारियों की सात दुकानें खुल गई हैं। हालात सामान्य की ओर बढ़ने लगे हैं। बाजार में भी अब पहले की तरह चहल-पहल बढ़ने लगी है। शनिवार की सुबह पुरोला में सात मुस्लिम व्यापारियों की दुकानें खुल गई हैं। इनमें तीन नाई, तीन कपड़-गारमेंटस और एक कबाड़ी की दुकान खुली है। 26 मई की पुरोला में नाबालिग लड़की भगाने की घटना के बाद से मुस्लिम व्यापारियों की दुकाने बंद थी। करीब 14 व्यापारियों ने पुरोला से दुकानें खाली कर दी हैं। इससे पहले शुक्रवार को पुरोला सहित यमुना घाटी के सभी बाजार खुले। पुरोला बाजार में पुलिस की मौजूदगी के बीच खूब चहल-पहल रही।

पुरोला में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लागू की गई निषेधाज्ञा भी हटा ली गई है। हालांकि, 25 जून को बड़कोट में प्रस्तावित महापंचायत को लेकर पुलिस-प्रशासन की चिंता बरकरार है। महापंचायत रोकने के लिए प्रशासन ने यमुना घाटी हिंदू जागृति संगठन की बैठक बुलाई थी, जो किन्हीं कारणों से नहीं हो पाई। लव जिहाद और लैंड जिहाद को लेकर 18 जून को धौंतरी व्यापार मंडल ने भी बाजार बंद रखने और रैली निकालने का एलान किया है। पुरोला में इसी 26 मई को नाबालिग लड़की को भगाने की घटना सामने आई थी। इस प्रकरण में एक मुस्लिम युवक और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और स्थानीय व्यापारियों ने मुस्लिम व्यापारियों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। उन्हें दुकानें खाली करने को कहा गया। कुछ मुस्लिम व्यापारी सामान समेट कर जा चुके हैं, जबकि कुछ की दुकानें अभी बंद हैं। इस प्रकरण को लेकर वीरवार को आहूत हिंदू संगठनों की महापंचायत टल गई थी।

स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने पुरोला में 19 जून तक निषेधाज्ञा लागू करने के साथ ही पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया था। लेकिन, यमुना घाटी हिंदू जागृति संगठन के आह्वान पर वीरवार को बड़कोट और नौगांव के व्यापारियों व स्थानीय निवासियों ने बड़ी संख्या में पुरोला के लिए कूच कर दिया। पुलिस ने उन्हें नौगांव मुंगरा पुल के निकट रोक दिया था। इसके बाद संगठन ने 25 जून को बड़कोट में महापंचायत का एलान कर दिया। बड़कोट के उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि संगठन के कुछ कार्यकर्ता उनसे मिलने आए थे, लेकिन बैठक नहीं हो पाई। अब एक-दो दिन के अंतराल में बैठक बुलाई जाएगी। उप जिलाधिकारी पुरोला देवानंद शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था बरकरार है। इसको देखते हुए शुक्रवार शाम निषेधाज्ञा हटा दी गई।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *