मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा चुराचांदपुर जिला

मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंजा चुराचांदपुर जिला

इंफाल। मणिपुर में हिंसा दिन ब दिन बढ़ती चली जा रही है। अब यहां के चुराचांदपुर जिले में हिंसा भड़क गई। जानकारी के मुताबिक यहां के थोरबुंग इलाके में भारी गोलीबारी हो रही है। फिलहाल इस फायरिंग में कितने हताहत हुए, इस बात की जानकारी नहीं हो पाई है। थोरबुंग इलाका सबसे संवेदनशील बना हुआ है। मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय की ओर से निकाले गए ‘आदिवासी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़की थी। इस दौरान कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। तब से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। अब तक 160 से ज्यादा लोग हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53% है और इनमें से ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि 40 प्रतिशत आदिवासी हैं, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं और ये ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

मणिपुर की 9 कुकी जनजातियों का प्रतिनिधित्व करने वाली जोमी काउंसिल संचालन समिति (र्ंष्टस्ष्ट) ने पीएम को लिखे पत्र में देश के इस संवेदनशील और रणनीतिक पूर्वी कोने में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आपका (प्रधानमंत्री का) तत्काल हस्तक्षेप की जरूरत है। पत्र में कहा गया है कि राज्य में संवैधानिक और कानून-व्यवस्था की विफलता की वजह से तुरंत अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) लागू करना जरूरी हो गया है। र्ंष्टस्ष्ट ने दावा किया कि राज्यभर से सुरक्षाबलों के 5000 से अधिक अत्याधुनिक हथियार और लाखों गोला-बारूद लूटे गए हैं। ऐसे में कानून और व्यवस्था पर काबू पाने के लिए फिर से सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम को घाटी के सभी जिलों में लागू किया जाए, ताकि सेना पूर्ण नियंत्रण ले सके।

कमेटी ने पीएम को लिखे पत्र में यह भी आरोप लगाया कि कुकी-जोमी आदिवासियों के साथ अन्याय, संस्थागत उपेक्षा और भेदभाव कई दशकों से जारी है। वायरल वीडियो क्लिप जिसने पूरी दुनिया की अंतरात्मा को जगा दिया, वह मणिपुर के वर्तमान संघर्ष का एक उदाहरण मात्र है। इस पत्र में दो कुकी महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी के वीडियो का जिक्र है। यह घटना 4 मई की है और 19 जुलाई को वायरल हुआ।

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