विपक्षी गठबंधन ठंड़ा क्यों पड़ गया?

विपक्षी गठबंधन ठंड़ा क्यों पड़ गया?

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में सन्नाटा है। कमाल की चुप्पी है। किसी को पता नहीं है कि क्या हो रहा है। जून के बाद से अचानक जो तेजी आई थी और हर महीने बैठकों का दौर शुरू हुआ था वह शांत हो गया है। विपक्षी गठबंधन की ओर से कोई साझा कार्यक्रम नहीं हुआ है। आखिरी बार विपक्षी नेता 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में मिल थे। उसके बाद से कोई मीटिंग नहीं हुई है। कहा गया था कि विपक्ष की अगली मीटिंग दिल्ली में होगी लेकिन कब होगी यह तय नहीं हुआ।

विपक्षी गठबंधन की समन्वय समिति की पहली बैठक में यह तय हुआ था कि विपक्ष की पहली साझा रैली भोपाल में होगी। लेकिन कांग्रेस ने और उसमें भी मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एकतरफा तरीके से रैली रद्द कर दी। उसके बाद ‘इंडिया’ के सूत्रों के हवाले से खबर आई कि विपक्ष की पहली साझा रैली नागपुर में होगी। लेकिन उस दिशा में भी कोई प्रगति नहीं हुई है। महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन के नेताओं की भी कोई बैठक नहीं हुई है। उनके पहले से साझा रैलियां हो रही थीं लेकिन हैरानी की बात है कि वह भी स्थगित हो गई है। एनसीपी में टूट के बाद महा विकास अघाड़ी की भी कोई रैली नहीं हुई है।

मुंबई की बैठक में जो समन्वय समिति बनी थी उसमें सीपीएम ने अपना कोई नेता शामिल करने से इनकार कर दिया है। इस समन्वय समिति की पहली बैठक 13 सितंबर को दिल्ली में शरद पवार के घर पर हुई थी। उसमें कोई खास फैसला तो नहीं हुआ लेकिन बताया गया था कि उस समय सीटों के बंटवारे के बारे में कुछ बातचीत हुई थी। उस मीटिंग के बाद से सीटों के बंटवारे के मामले में रेडियो साइलेंस है। कहीं भी कोई चर्चा नहीं है। सो, अब स्थिति यह है कि विपक्षी गठबंधन की चौथी बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं है। पहली साझा रैली के बारे में कहीं कोई चर्चा नहीं है और सीट बंटवारे के बारे में भी कोई बात नहीं सुनाई दे रही है।

विपक्षी नेता कह रहे हैं कि हर बात मीडिया के सामने करने की जरूरत नहीं है। उनका कहना है सीट बंटवारे को लेकर चुपचाप सब कुछ हो रहा है। लेकिन हकीकत यह है कि कुछ नहीं हो रहा है। कांग्रेस पांच राज्यों के चुनाव में व्यस्त है और उसने किसी सहयोगी पार्टी से सीट बंटवारे को लेकर बात नहीं की है। उसने इन पांचों राज्यों में किसी सहयोगी पार्टी को भी कोई सीट देने के बारे में बात नहीं की है। बताया जा रहा है कि तेलंगाना में कम्युनिस्ट पार्टियों, मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी को कुछ सीटें देने की बात थी। लेकिन कांग्रेस ने इस पर चुप्पी साधी है। तभी समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टियां चुनाव लडऩे की अपनी अपनी तैयारी कर रही हैं।

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *