अक्षय तृतीया में क्या करे जो मिले लाभ

अक्षय तृतीया में क्या करे जो मिले लाभ

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अर्जुन सिंह दिल्ली : अक्षय तृतीया कब और मुहूर्त क्या है 2022 में इस दिन का महत्व क्या है इस दिन क्या करें और क्या ना करें क्या खाएं और ग्रहों की स्थिति क्या है जानते है जानीमानी ज्योतिषाचार्य सुनीता शर्मा। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ती है। इस साल अक्षय तृतीया 3 मई को मनाई जाएगी। तिथि का आरंभ प्राप्त काल 5:18 से शुरू होकर दूसरे दिन सुबह 7:32 तक है। इस दिन का अबूझ मुहूर्त होता है। किसी भी समय पूजा कर सकते हैं। लेकिन अच्छा मुहूर्त  अभिजीत मुहूर्त होता है। उसका समय 11:52 से 12:45 तक है। इस दिन व्यवहार गृह प्रवेश भूमि पूजन नामकरण बिजनेस जैसे काम की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन शुभ माना जाता है। जिस तरह दीपावली के दिन लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जाती है। अक्षय तृतीया को लक्ष्मी की कृपया प्राप्त करने के उपाय किए जा सकते हैं। अक्षय का अर्थ होता है जो कभी कम नहीं होता इसलिए अक्षय तृतीया अनंत समृद्धि खुशी सफलता और आशा का दिन होता है। इस दिन किए गए दान का फल कई गुना मिलता है। किसी भी जरूरतमंद को दान जरूर करें ग्रहों की स्थिति पंचांग के अनुसार मीन राशि में शुक्र मालव्य योग और गुरु हंस नामक योग बनाए हुए हैं। गुरु और शुक्र एक साथ बैठे हैं। शुक्र दैत्य गुरु बृहस्पति देवताओं की गुरु एक साथ है। इन दोनों गुरु में सभी दोषों को दूर करने की क्षमता है। दोनों शुभदा में सर्वोच्च माने जाते हैं जो 12 साल में एक बार आते हैं। शनि कुंभ में सश नाम का योग बनाए हुए हैं। सूर्य अपनी उच्च की मेष राशि में चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृक्ष में है। बुध चंद्रमा के साथ वृक्ष राशि में मंगल कुंभ राशि में राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में है शोभन योग है तैतूल करण है। मंगल का दिन और चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में है। यह बहुत ही शुभ दिन है। 

सुनीता शर्मा बताती है कि एक तो वैसे ही अक्षय तृतीया का दिन और ग्रहों का इतना अच्छा होना बहुत ही अच्छी बात है। यह करीब 30 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है। महत्व देवी अन्नपूर्णा का जन्म हुआ और गंगा जी स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई। अक्षय तृतीया के दिन से त्रेतायुग आरंभ हुआ इसलिए इस दिन जप तप व दान का कभी क्षय नहीं होता। इसी दिन बद्रीनाथ के पट खुलते हैं। भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार लिया था। अक्षय तृतीया का दिन सुदामा पुनर्मिलन दिवस के रूप में भी प्रसिद्ध है। इसी दिन बसंत ऋतु का अंत और गीषम ऋतु का आरंभ होता है। 

इस दिन घर क्या लाए सोना खरीदना बहुत अच्छा माना गया है। लेकिन जो ऐसा नहीं कर सकते वो रुई हल्दी चावल साबुत वाले मखाने साबूदाना और सेंधा नमक भी खरीद सकते हैं लेकिन इस नमक को घर में उपयोग नहीं करते यह सब आज के दिन अपने घर ला सकते हैं।

इस दिन क्या करें सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल जरूर दें। सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में है। निरोगी काया के लिए उनकी कृपया जरूर चाहिए। गायत्री मंत्र का जाप करें। जल से संबंधित दान जरूर करें। जल भरा कलश मंदिर में दान करें। अक्षय तृतीया पर तुलसी की जड़ को दूध से सीचें। बिना तुलसी के भगवान विष्णु की पूजा अधूरी है। धन की इच्छा के लिए भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा के लिए यह दिन बहुत ही शुभ है।

महा उपाय इस दिन कुछ करो या ना करो पर यह जरूर करो पहली रोटी पर घी लगाकर चीनी रखकर गाय को जरूर खिलाएं।

क्या ना करें इस दिन बिना कारण झूठ ना बोलें। किसी का अपमान ना करें। किसी का मन ना दुखाए। घर का माहौल खराब ना करें। गलती से भी किसी स्त्री का अपमान ना करें।

क्या खाएं आज पीला हलवा, केले, पीले मीठे चावल भगवान विष्णु को भोग लगा ग्रहण करे। बेल वाले फल, मोसमी, रस भरे फल माता लक्ष्मी को भोग लगाकर ग्रहण करें। यह करने से आपकी जिंदगी में उन्नति और समृद्ध और खुशियां आएगी।



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