उत्तराखंड के 240 युवा डॉक्टरों को पोस्टिंग का इंतजार.? स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से लगाई जल्द पोस्टिंग की गुहार

उत्तराखंड के 240 युवा डॉक्टरों को पोस्टिंग का इंतजार.? स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से लगाई जल्द पोस्टिंग की गुहार

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देहरादून। हमेशा डॉक्टरों की कमी की बात कहने वाले उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के पास 240 युवा डॉक्टर है लेकिन इन्हें अभी तक पोस्टिंग नहीं दी गई है। खास बात ये है कि इन सभी डॉक्टरों को पर्वतीय जिलों में तीन साल के लिए पोस्टिंग पर भेजा जाना है। चिकित्सा शिक्षा विभाग से इनकी सूची बनाकर डीजी हेल्थ एवं शासन को भेज दी गई है। लेकिन एक माह हो जाने के बाद भी डीजी हेल्थ स्तर पर उनको पोस्टिंग नहीं दी गई है। युवा डॉक्टर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत और उच्चाधिकारियों से पोस्टिंग जल्द किए जाने की मांग कर रहे हैं।

देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से बांड के तहत एमबीबीएस पास करने वाले 240 युवा डॉक्टर पोस्टिंग के इंतजार में बेरोजगार है। उनकी इंटर्नशिप पूरी हुए एक माह के करीब हो गया हैं। बैच 2016 के दून में 136, हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 104 युवा डॉक्टरों की इंटर्नशिप विगत 30 अप्रैल को पूरी हो गई थी। उन्हें इंटर्नशपि सर्टिफिकेट भी उपलब्ध करा दिए गए। लेकिन एक माह हो जाने के बाद भी डीजी हेल्थ स्तर पर उनको पोस्टिंग नहीं दी गई है। उन्हें तीन साल तक दूरस्थ इलाकों में सेवाएं देनी हैं और वह एक एमओ यानि मेडिकल ऑफिसर के तौर पर विभाग में काम करेंगे। चारधाम यात्रा चल रही है, इनकी तैनाती से विभाग को फायदा होगा।

घरों पर बेरोजगार बैठे हैं युवा डॉक्टर
दून मेडिकल कॉलेज में आउट 136 एमबीबीएस छात्रों को मार्च और अप्रैल का स्टाइपेंड नहीं मिला है। जिससे उनमें आक्रोश है, वह कई बार इस संबंध में प्राचार्य से मुलाकात कर चुके हैं लेकिन आश्वासन के अलावा उन्हें कुछ नहीं मिल रहा है। श्रीनगर वाले बन गए जेआर रू श्रीनगर मेडिकल से पासआउट और इंटर्नशिप पूरी करने वाले करीब 80 से ज्यादा युवा डाक्टर इस मामले में आगे निकल गए हैं। वह वहीं बेस अस्पताल में जेआर बन गए। इंटर्न डाक्टरों का कहना है कि इंटर्नशिप पूरी होने के बाद कॉलेजों से उनके हॉस्टल खाली करा लिए गए हैं। उन्हें उम्मीद थी कि इंटर्नशिप पूरी होते ही उन्हें पोस्टिंग मिल जाएगी। लेकिन अब उन्हें दून एवं हल्द्वानी में किराए पर रहना पड़ रहा है या फिर अपने घरों पर बेरोजगार बैठे हैं।

डा. आशुतोष सयाना, अपर निदेशक चिकित्सा शिक्षा विभाग का कहना है कि पासआउट होने वाले छात्रों की सूची डीजी हेल्थ एवं शासन को भेज दी गई थी। इंटर्नशिप सर्टिफिकेट भी उन्हें उपलब्ध करा दिए गए हैं। शासन एवं डीजी स्तर से उनकी पोस्टिंग की जानी है। युवा डाक्टरों के संबंध में शासन में फिर से वार्ता की जाएगी। इस बैच के छात्रों कोरोनाकाल में उत्कृष्ट कार्य किया है।



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