कहानी उत्तराखंड के उन डॉक्टरों की जिनकी रगों में बसता है पहाड़, मरीजों की सेवा में समर्पित है इनका तन-मन-धन

कहानी उत्तराखंड के उन डॉक्टरों की जिनकी रगों में बसता है पहाड़, मरीजों की सेवा में समर्पित है इनका तन-मन-धन

श्रीनगर। पौड़ी जनपद की श्रीनगर विधानसभा के अंतर्गत आने वाला राजकीय उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर इन दिनों सुर्खियों में है। इन चर्चाओं की मुख्य वजह है अस्पताल के डॉक्टरों की कार्यशैली और दूर दराज के मरीजों को मिल रहा बेहत्तर इलाज। उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर के डॉक्टरों को मरीज देवदूत मानते हैं। सर्जन लोकेश सलूजा के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम अब तक कई मरीजों की जान बचा चुकी है। निजी अस्पतालों में जिन ऑपरेशनों पर मरीजों का हजारों रूपये खर्च होता वह श्रीनगर उपजिला चिकित्सालय में बिल्कुल निशुल्क हो रहे हैं।

आपको बता दें कि डॉ लोकेश सलूजा व डॉ सोनाली शाही द्वारा हाल ही में कादंबरी नाम की महिला का सफल ऑपरेशन किया गया। लगभग 23 साल की कादंबरी को पिछले 1 साल से लगातार पेट फूलने तथा खाना नहीं पचने की समस्या हो रही थी। जिसके पश्चात मरीज ने राजकीय उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर में दिखाया। डॉक्टरों ने मरीज कादंबरी का अल्ट्रासाउंड की सलाह दी। रेडियोलॉजिस्ट डॉ रचित गर्ग ने मरीज का अल्ट्रासाउंड किया। अल्ट्रासाउंड में मरीज के अंडाशय में एक बहुत बड़ी रसौली पाई गई। मरीज की यह रसौली बच्चेदानी से पसलियों तक बताई गई। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट व अन्य जरूरी जांचे कराने के पश्चात डॉक्टर सोनाली ने मरीज कादंबरी के ऑपरेशन का निर्णय लिया। डॉ लोकेश सलूजा, डॉक्टर सोनाली व अन्य डॉक्टरों की टीम ने मरीज कादंबरी का सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद मरीज़ पूर्ण रूप से स्वस्थ है। मरीज़ की ओवरी को भी सुरक्षित किया गया क्यूंकि मरीज़ अविवाहित हैं। मरीज़ की रसौली की लंबाई लगभग 45 सेंटीमीटर तथा वजन लगभग साढ़े सात किलो के लगभग बताया गया।

मरीज के परिजन बोले भगवान से कम नहीं हैं डॉक्टर
सफल ऑपरेशन के बाद मरीज के तीमारदारों ने कहा कि उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर के डॉक्टर लोकेश सलूजा एवं डॉ सोनाली हमारे लिए भगवान से कम नहीं है। जिन्होंने इतना बड़ा ऑपरेशन कर हमारे मरीज की जान बचाई है। यह डॉक्टर नहीं होते तो हमें अपने मरीज को लेकर शहरों में दरबदर भटकना पड़ता तथा बहुत खर्चा वहन करना पड़ता। ऑपरेशन टीम में सर्जन डॉक्टर लोकेश सलूजा, गायनेकोलॉजिस्ट डॉ सोनाली शाही, एनएसथेटिस्ट डॉक्टर आनंद सिंह राणा, सर्जन डॉ नितीश कुमार, नर्सिंग ऑफिसर आशा तथा देव सिंह मौजूद रहे।

पहाड़ को समर्पित डॉ लोकेश सलूजा का तन-मन-धन
उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल में विगत 13 वर्षों से सेवायें दे रहे डॉ लोकेश सलूजा किसी पहचान के मोहताज नहीं है। उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि पौड़ी जनपद ही नहीं लगभग गढ़वाल के सभी जनपदों से मरीज इलाज और ऑपरेशन के लिए उनके पास पहुंचते हैं। ऐसे समय में जबकि डॉक्टर निजी अस्पतालों में एक ऑपरेशन करके ही लाखों रूपये कमा रहे हैं, वहीं डॉक्टर सलूजा मानव सेवा में लगे हुए हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ग्वालियर के रहने वाले डॉक्टर लोकेश सलूजा यहां की संस्कृति में पूरी तरह रच बस गये हैं। मरीजों से बेहत्तर संवाद स्थापित हो पाये इसके लिए उन्होंने गढ़वाली बोली-भाषा भी सीखी। जब वह मरीजों से गढ़वाली बोली भाषा में बात करते हैं

विशेषज्ञों की तैनाती से सरकारी अस्पतालों में सुधर रहीं है व्यवस्थायें:- रचित गर्ग
उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर पौड़ी गढ़वाल में तैनात रेडियोलॉजिस्ट और प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ के मीडिया प्रभारी रचित गर्ग का कहना है कि सरकारी सिस्टम में लगातार विशेषज्ञों की तैनाती होने से सुविधायें पहले से बेहत्तर मिल पा रही हैं। सरकारी सिस्टम और बेहत्तर होता जा रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में मरीज पहले इलाज के लिए यहां-वहां भटकते थे लेकिन विशेषज्ञों की तैनाती से अब मरीज मरीजों को जिला अस्पतालों व निकटवर्ती अस्पतालों में ही पूरा इलाज मिल पा रहा है। डॉक्टरों की टीम का पूरा प्रयास रहता है कि अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों का पूरा ध्यान रखा जाये, मरीजों को कोई दिक्कत न होने पाये। मरीज को अपने चिकित्सालय में बेहत्तर से बेहत्तर इलाज मिल पाये।

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