केदारघाटी में बिना एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम के उड़ान भर रहे हैं हेलीकॉप्टर, एमआई-26 हेलीपैड पर उतरते अनियंत्रित हो जाता है हेलीकॉप्टर

केदारघाटी में बिना एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम के उड़ान भर रहे हैं हेलीकॉप्टर, एमआई-26 हेलीपैड पर उतरते अनियंत्रित हो जाता है हेलीकॉप्टर

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केदारनाथ। केदारनाथ में लैंडिंग के दौरान एक हेलीकॉप्टर के जमीन से टकराने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ है। मामले में की जांच के लिए डीजीसीए की टीम भी केदारनाथ पहुंची थी। यह घटना 30 मई की है। वीडियो में दिख रहा है कि केदारनाथ में एमआई-26 हेलीपैड पर उतरते समय हेलीकॉप्टर अनियंत्रित हो जाता है। हेलीकॉप्टर का स्टैंड हेलीपैड पर जोर से टकराता है। इसके बाद हेलीकॉप्टर 270 डिग्री तक मुड़ जाता है। इस दौरान आसपास खड़े यात्री इधर-उधर दौड़ने लगते हैं। हेलीकॉप्टर में पायलट के अलावा पांच यात्री सवार थे। मामले की जांच के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की टीम 31 मई को केदारनाथ पहुंची थी। टीम ने हेली कंपनी के अधिकारियों और पायलट से जानकारी ली।

बताया गया कि हेलीकॉप्टर को देहरादून भी ले जाया गया, जहां जांच के बाद फिटनेस प्रमाणपत्र दिया गया। सूत्रों के अनुसार डीजीसीए ने पायलटों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें कहा गया है कि केदारनाथ व केदारघाटी में हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के दौरान पीछे से तेज हवा चल रही हो तो पायलट और अधिक सतर्कता बरतें।

नहीं है एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम
इस वर्ष नौ कंपनियों के हेलीकॉप्टर केदारनाथ के लिए उड़ान भर रहे हें। हालांकि, यहां खराब मौसम की वजह से हमेशा खतरा बना रहता है। गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच संकरी घाटी में अचानक मौसम बदल जाता है। ऐसी स्थिति में बिना एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम के हेलीकॉप्टर केदारघाटी में उड़ान भर रहे हैं।

पूर्व में हो चुके हैं हादसे
केदारनाथ हेलीपैड पर 2017 व 2018 में भी हेलीकॉप्टर क्रैश होते-होते बचे हैं। पहली घटना में टेकऑफ के दौरान हेलीकॉप्टर का पिछला हिस्सा दीवार से टकरा गया था। दूसरी घटना में टेकऑफ के पांच मिनट बाद ही हेलीकॉप्टर को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। तीसरी घटना में हेलीकॉप्टर टेकऑफ के दौरान पीछे की तरफ खिसक कर दीवार से टकरा गया था।

हाईकोर्ट में दायर हुई थी याचिका
2019 में कर्नाटक के एक यात्री ने केदारनाथ यात्रा में पुराने हेलीकॉप्टरों के प्रयोग का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। यात्री का कहना था कि केदारनाथ यात्रा में वर्ष 1980 से 90 के दशक में निर्मित सिंगल इंजन के हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं।

हेलीकॉप्टर ऑपरेशन हेड, यूकाडा कर्नल समीर ने कहा हेलीकॉप्टर के रूट चार्ट को लेकर डीजीसीए से निरंतर संपर्क होता है। हेली कंपनियों को एसओपी डीजीसीए ही जारी करता है। हेलीपैड के समीप हार्ड लैडिंग के कई कारण हो सकते हैं। केदारनाथ में एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम को लेकर जल्द डीजीसीए से बातचीत की जाएगी।

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने कहा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे केदारनाथ हेलीपैड पर हेलीकॉप्टर की लैंडिंग हुई है। मामला बहुत गंभीर है। हेली कंपनियों को डीजीसीए के नियमों के तहत हेलीकॉप्टर का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं।



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