दिल्ली में शराब नीति पर संग्राम, बंद हो सकती हैं कई और दुकानें, केजरीवाल सरकार पर भारी पड़ा डिस्काउंट, मनीष सिसोदिया भाजपा पर हुए हमलावर

दिल्ली में शराब नीति पर संग्राम, बंद हो सकती हैं कई और दुकानें, केजरीवाल सरकार पर भारी पड़ा डिस्काउंट, मनीष सिसोदिया भाजपा पर हुए हमलावर

[ad_1]

नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। सिसोदिया ने कहा कि नई शराब नीति में कोई घोटाला नहीं हुआ है। दिल्ली के अफसरों को सीबीआई और ईडी ने डरा रखा है। बीजेपी की धमकियों से ईडी के अफसर डरे हुए हैं। नई शराब नीति के बाद दिल्ली में एक भी नई दुकान नहीं बढ़ी है। मनीष सिसोदिया ने शराब नीति को लेकर आज बीजेपी पर जमकर हमला बोला। मीडिया से चर्चा में सिसोदिया ने दो राज्यों की एक्साइस पॉलिसी के बारे में बयान दिया। गुजरात की शराब नीति के बारे में उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि शराब बंदी के नाम पर बीजेपी हजारों करोड़ की शराब वहां बेचती हैं। सरकार को चूना लगाती है। मीडिया में कई बार ऐसी खबरें आई हैं कि गुजरात में कैसे लोगों के घरों में शराब बन रही है और बिक रही है। ये शराब बीजेपी वाले ही बनाते हैं। नकली शराब से मौतों की घटनाएं यहां आम हैं। मीडिया पड़ताल में पता चलता है कि इन्हीं के लोग जहरीली शराब बनाने और बेचने का काम करते हैं। जहरीली शराब पी पीकर गुजरात के लोगों की जान जा रही है। यह धंधा गुजरात मॉडल बताता है।

दूसरी ओर दिल्ली की बात करें। यहां दिल्ली नई एक्साइज पॉलिसी 2021/2022 लेकर आई। इससे पहले दिल्ली में ज्यादातर सरकारी दुकानें थी। इनमें खूब भ्रष्टाचार होता था। मैंने खुद कई बार भ्रष्टाचार पकड़ा था। हमने उस पॉलिसी को खत्म करके नई पॉलिसी बनाई। प्राइवेट दुकानें जहो होती थीं उसमें बीजेपी वालों ने अपने वालों यानी अपने यार दोस्तों को लाइसेंस दे रखे थे और बहुत कम लाइसेंस फीस लेते थे, जिसे बढ़ाया भी नहीं था। इस सारे सिस्टम को बंद करके हम नई पॉलिसी लेकर आए।

बीजेपी के डर से कम हो रही लीगल दुकानें:- सिसोदिया
पारदर्शी तरीके से हमने दुकानों की नीलामी की। तय किया कि एक भी दुकान फालतू नहीं खोली जाएगी। पहले 6 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलता था। अब 9500 करोड़ रुपए की आमदनी नई शराब नीति से मिली है। हमारी लाई गई नई पॉलिसी से बीजेपी का भ्रष्टाचार रुक गया था। तब शराब की दुकान वालों को बीजेपी वालों ने ईडी और सीबीआई की धमकी देकर डराया। इस कारण दुकानें कम हो रही हैं। नई पॉलिसी में जो 850 दुकानें हो सकती थीं, वो अब केवल 468 रह गई हैं। अगस्त में और कम हो सकती हैं। बीजेपी का मकसद है कि दिल्ली में शराब की किल्लत हो। लीगल तरीके से बिकने वाली शराब की बिक्री कम हो जाए। वैध शराब दुकानों की कमी होगी तो अवैध दुकानों का कारोबार बढ़ेगा, यही बीजेपी चाहती है।



[ad_2]

Source link

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *