बिहार में जातीय जनगणना पर भाजपा ने फंसाया पेज, जानिए क्या कहना है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का…?

बिहार में जातीय जनगणना पर भाजपा ने फंसाया पेज, जानिए क्या कहना है भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का…?

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पटना। बिहार में जातिय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक में बनी सहमति के बाद बीजेपी इसमें पेच फंसाने की कोशिश में जुट गई है। बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा है कि जातीय जनगणना को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में इस बात की सहमति व्यक्त की गई कि जातीय एवं जाति में भी उपजातीय आधारित सभी धर्मों की गणना या सर्वेक्षण होगा। संजय जायसवाल ने कहा कि अगर बिहार सरकार जातीय जनगणना कराती है तो उसे बांग्लादेशी और रोहिंगियां को चिन्हित करने की बात सुनिश्चित करना होगा।

बिहार प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने बैठक में जातिगत जनगणना से जुड़ी आशंकाओं पर हुई चर्चा के बारे में बताया कि मुख्यमंत्री के सामने तीन आशंकाएं प्रकट की जिनका निदान गणना करने वाले कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से बताना होगा। उन्होंने कहा कि जातीय एवं उप-जातीय गणना के कारण कोई रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम नहीं जुड़ जाए और बाद में वह इसी के आधार पर नागरिकता को आधार नहीं बनाए।

इससे पहले जातीय जनगणना को लेकर होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कुछ बिंदुओं पर सवाल उठाए हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि बिहार में प्रस्तावित जाति आधारित जनगणना में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या जैसे घुसपैठियों को तुष्टिकरण की राजनीति के तहत स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इन्हें उससे बाहर रखा जाना चाहिए। बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए उत्तर बिहार के इस शहर आए बीजेपी नेता ने देश में धर्मांतरण रोधी मजबूत कानून की जरूरत बताते हुए कहा कि अल्पसंख्यक शब्द के इस्तेमाल को खत्म करने और विदेशी आक्रमणकारियों की ओर से उत्पीड़न के प्रतीक सभी चिह्नों को मिटाने की जरूरत है, जैसे वाराणसी में ज्ञानवानी मस्जिद।

सीमांचल में मुस्लिम समाज में यह बहुतायत देखा जाता है कि अगड़े शेख समाज के लोग शेखोरा अथवा कुलहरिया बन कर पिछड़ों की हकमारी करने का काम करते हैं। यह भी गणना करने वालों को देखना होगा कि मुस्लिम में जो अगड़े हैं वह इस गणना के आड़ में पिछड़े अथवा अति-पिछड़े नहीं बन जाएं। ऐसे हजारों उदाहरण सीमांचल में मौजूद हैं, जिनके कारण बिहार के सभी पिछड़ों की हकमारी होती है। उन्होंने आशंका के तौर पर कहा कि भारत में सरकारी तौर पर 3747 जातियां है और केंद्र सरकार ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में बताया कि उनके 2011 के सर्वे में 4.30 लाख जातियों का विवरण जनता ने दिया है। यह बिहार में भी नहीं हो इसके लिए सभी सावधानियां बरतने की आवश्यकता है।

बीजेपी ने साफ कर दिया है कि जातीय जनगणना के लिए बिहार सरकार को खुद ही सारा खर्च उठाना होगा। केंद्र सरकार से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलेगी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के 40 सांसदों में 39 एनडीए के हैं। त्श्रक् के सांसद केवल राज्यसभा में हैं। कांग्रेस के एक सांसद लोकसभा में हैं। इसलिए हम लोग इस बात को पार्लियामेंट में उठाएंगे कि जातीय जनगणना में जो खर्च आएगा वह भारत सरकार उठाए। इसके जवाब में डेप्युटी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि मैंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जातीय जनगणना राज्य सरकार को कराना होगा। क्योंकि केंद्र ने पहले ही कहा है कि राज्य चाहे तो जातीय जनगणना करा सकती है।

जातीय जनगणना पर ठश्रच् का पक्ष
इससे पहले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने कहा कि जातीय जनगणना को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक में इस बात की सहमति व्यक्त की गई कि जातीय एवं जाति में भी उपजातीय आधारित सभी धर्मों की गणना या सर्वेक्षण होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षाता में सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद डॉ. जायसवाल ने कहा कि हम केंद्र के बाबा साहब अंबेडकर जी के संविधान प्रदत 7वें शेड्यूल के अधिकारों में किसी तरह की छेड़खानी नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि नेता प्रतिपक्ष ने भी कहा कि यह सर्वे या गणना ओबीसी कमीशन या अन्य तरह से होनी चाहिए। डॉ. जायसवाल ने कहा, श्भारत सरकार अपने जनगणना के आधार पर गरीबों के लिए योजनाएं बनाती है। अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 60 से ज्यादा योजनाएं गरीब कल्याण के लिए ही हैं। हम कभी उसमें जाति आधारित विभेद नहीं करते।श्

जातीय जनगण्ना पर ब्ड नीतीश कुमार क्या बोले
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में जाति आधारित गणना की जाएगी, सर्वदलीय बैठक के दौरान जो बातचीत हुई है इसी के आधार पर बहुत जल्द कैबिनेट का निर्णय होगा। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में जाति आधारित गणना पर हुयी सर्वदलीय बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि सर्वसम्मति से यह निर्णय किया गया कि बिहार में जाति आधारित गणना की जाएगी। उन्होंने कहा कि सब लोगों का चाहे वे किसी भी जाति या धर्म के हों, इसके तहत पूरा का पूरा आकलन किया जाएगा और इसके लिए बड़े पैमाने पर और तेजी से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार की ओर से जो भी संभव हो मदद दी जाएगी, जनगणना कार्य में लगाए जाने वाले लोगों का प्रशिक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज जो बातचीत हुई है इसी के आधार पर बहुत जल्दी कैबिनेट का निर्णय होगा। उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार को इस काम को करना है तो कैबिनेट का निर्णय होगा। इस काम के लिए पैसे की जरूरत पड़ेगी तो उसका भी प्रबंध करना पड़ेगा। कैबिनेट के जरिए ये सब काम बहुत जल्दी कर दिया जाएगा।’

नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना की जाएगी, उसके बारे में विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा, ताकि एक-एक चीज को लोग जान सकें। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में नौ दल हैं जिनकी सर्वसम्मति से ये बात हो गई, जो कुछ भी काम शुरू होगा और सरकारी तौर पर भी लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी, ताकि सब लोगों को ये मालूम रहे कि एक-एक काम किया जा रहा है।



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