हाईकोर्ट समेत न्यायालयों में ड्रेस कोड में पहाड़ी टोपी शामिल हो

हाईकोर्ट समेत न्यायालयों में ड्रेस कोड में पहाड़ी टोपी शामिल हो

[ad_1]

नैनीताल। हाईकोर्ट समेत प्रदेश की न्यायालयों में निर्धारित ड्रेस कोड में पहाड़ी टोपी को शामिल करने को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं ने जनजागरण अभियान शुरू कर दिया हैं। कहा कि अधिवक्ताओं व समाज के समक्ष संस्कृति सरक्षण के लिए परिस्थतियां चुनौतीपूर्ण होती जा रही हैं। इसके लिए पहाड़ी संस्कृति की परिचायक टोपी के माध्यम से हाईकोर्ट ने जन जागरण की शुरुआत की है। तय किया गया है कि अधिवक्ता इस सम्बंध में शीघ्र ही हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश व बार काउंसिल के समक्ष प्रत्यावेदन देंगे।

अभियान के संयोजक हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एमसी पन्त ने बताया कि इस जनजागरण अभियान में अधिवक्ताओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के निवर्तमान अध्यक्ष अवतार सिंह रावत, पूर्व सांसद डॉ महेंद्र सिंह पाल, ललित बेलवाल, एसके जैन, विवेक शुक्ला, कमलेश तिवारी, भुवनेश जोशी, सुंदर सिंह भंडारी, उत्तम सिंह भाकुनी,/प्रेम कौशल, योगेश पचौलिया, नन्दन सिंह कन्याल, मोहम्मद उमर , डॉक्टर कार्तिकेय हरि गुप्ता, त्रिलोचन पांडे,आदि इस अभियान को आगे बढ़ रहे हैं। पन्त ने बताया कि यह टोपी स्वतन्त्रता आंदोलन के समय पं. बद्रीदत्त पांडे के नेतृत्व में हुए कूली बेगार आंदोलन की शान रहा है। यह उत्तराखण्ड की पहचान भी है। इसलिये टोपी को व्यापक मान्यता दिए जाने की जरूरत है । उन्होंने बताया कि हिमांचल प्रदेश, पंजाब हाईकोर्ट में वहां की परम्परागत टोपी व पगड़ी व दक्षिण भारत के उच्च न्यायालयों में वहां के परंपरागत परिधान पहनने की अनुमति है । इसलिये उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में भी पहाड़ी टोपी पहनने की अनुमति मिलनी चाहिये।



[ad_2]

Source link

admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *