150 फीट की ऊंचाई पर 6 घंटों तक हवा में अटकी रहीं 11 पर्यटकों की सांसें, सीएम जयराम ठाकुर बोले मामले की होगी जांच

150 फीट की ऊंचाई पर 6 घंटों तक हवा में अटकी रहीं 11 पर्यटकों की सांसें, सीएम जयराम ठाकुर बोले मामले की होगी जांच

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के प्रवेशद्वार परवाणू के टीटीआर होटल के रोपवे में तकनीकी खराबी आने के कारण फंसे सभी 11 पर्यटकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। करीब छह घंटों तक 150 फीट की ऊंचाई पर फंसे 11 पर्यटकों की सांसे हवा में अटकी रहीं। इनमें महिलाएं, बुजुर्ग व कई बीपी के मरीज थे। फंसे पर्यटकों में एक ही परिवार के 10 लोग शामिल थे। ट्रॉली में फंसे पर्यटकों ने वीडियो भी बनाया और इसे होटल प्रबंधन तक पहुंचाया। वीडियो के माध्यम से पर्यटकों ने प्रबंधन से उन्हें जल्द सुरक्षित बचाने का अनुरोध किया।

कई पर्यटकों ने कहा कि उन्हें घबराहट हो रही है। प्रबंधन की ओर से जल्द बचाव अभियान शुरू नहीं होने से पर्यटकों में नाराजगी भी दिखी। बुजुर्ग पर्यटक ने कहा कि उन्हें बीपी की शिकायत है और घबराहट हो रही है। कहा कि महिलाएं व मरीज रस्सी से कैसे नीचे उतरेंगे? पर्यटकों ने आरोप लगाया कि होटल प्रबंधन के पास सुरक्षा की दृष्टि से कोई इंतजाम नहीं थे, पीने के लिए पानी भी घंटे बाद पहुंचा। जानकारी के अनुसार पर्यटक सुबह करीब 10.30 पर होटल से लौटते समय ट्राली में फंसे और करीब छह घंटे बाद शाम करीब 4.30 सभी को रस्सी के सहारे सुरक्षित बचाया गया। बता दें पहाड़ी पर बने टीटीआर होटल तक सिर्फ रोपवे से ही पहुंचा जा सकता है। 

जब पर्यटक केबल कार से होटल मोक्षा से परवाणू की ओर आ रहे थे कि अचानक ट्रॉली बीच में ही फंस गई। इससे ट्रॉली में बैठे 11 लोगों की सांसें हवा में अटक गईं। सबसे पहले महिला सहित चार लोगों को निकाला गया। इसके बाद अन्य को रेस्क्यू किया गया। ट्रॉली में फंसे सैलानी। एएसपी सोलन अशोक वर्मा ने बताया कि सभी लोगों को निकाल लिया गया है। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा ने कहा कि सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। 

ट्रॉली में पर्यटकों के फंसे होने की सूचना मिलने के बाद सीएम जयराम ठाकुर भी परवाणू के लिए रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने पर्यटकों से बात की। कहा कि एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन व होटल की टीम ने सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी। यदि किसी की लापरवाही सामने आई तो उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि 13 अक्तूबर 1992 को भी परवाणू टिंबर ट्रेल में हादसा हुआ था। 10 यात्रियों को लेकर जा रही केवल कार अचानक टूट गई और सभी लोग 1300 फीट की ऊंचाई पर हवा में लटक गए थे। एमआई-17 हेलीकॉप्टर से दो दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था।



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