23 असाधारण एथलीट, उच्च सहनशीलता सोल ऑफ स्टील हिमालयन चुनौती के तीसरे चरण में करेंगे प्रवेश
घमसाली। उत्तराखंड भारत भारतीय सेना और CLAW (कॉन्कर लैंड एयर वाटर) ग्लोबल के सहयोग से, विशेष भारतीय सशस्त्र बलों के दिग्गजों की एक टीम द्वारा एक साहसिक खेल पहल शुरू की गई है, जो तीन महीने के लंबे अवधि में चुनौतीपूर्ण कौशलता का आयोजन कर रही है। सोल ऑफ स्टील हिमालयन चैलेंज को देश भर के औसतन नागरिकों के लिए उच्च ऊंचाई में सहनशीलता की चुनौती के रूप मे शुरू किया गया है। इस चुनौती ने 1,401 अत्यधिक कुशल एथलीटों, जो साहसिक खेलों के प्रति उत्साही और 94 महिलाओं सहित सशस्त्रबलों के उम्मीदवारों की रुचि को आकर्षित किया।
इन आवेदकों को दो चरणों की कठिन स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, जिसमें उनके पर्वतारोहण और साहसिक कौशल का परीक्षण किया गया। उनमें से केवल 23 (दो महिलाओं सहित) को अंततः 10 सप्ताह के लंबे प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए चुना गया। इस कार्यक्रम के पहले दो चरण पूरे हो चुके हैं। प्रतिभागियों को वर्तमान में हिमालय की हिमाच्छादित पहुंच में शामिल किया जा रहा है, जो उन्हें चुनौती के तीसरे और अंतिम चरण के लिए तैयार करेगा।
क्लों (CLAW) ग्लोबल और भारतीय सशस्त्रबलों के विशेषज्ञों की एक संयुक्त टीम प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दे रही है। इस चुनौती को रक्षा मंत्रालय, उत्तराखंड सरकार, वेटनर कल्याण मंत्रालय, कौशल मंत्रालय और उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय का समर्थन प्राप्त है। इस विशेष आयोजन को केंद्र सरकार की वाइब्रेट विलेज थीम के साथ विकसित किया जा रहा है, जो युवाओं में रोमांच की भावना को बढ़ावा देते हुए साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और राजस्व एवम् रोजगार सृजन के माध्यम से पलायन को रोकने और देश के दूर दराज के सीमावर्ती गांवों को विकसित करना चाहता है।
7 जून, 2023 को सोल ऑफ स्टील वॉरियर्स 17,000 फीट की ऊंचाई पर गढ़वाल हिमालय के ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी इलाकों की यात्रा पर निकलेंगे, जहां उन्हें अपने द्वारा सीखे गए कौशल और तकनीकी का उपयोग करना होगा जिसमे रॉक, आइस और स्नो क्राफ्ट, नेविगेशन, संचार, आत्मरक्षा, उत्तरजीविता, बचाव और आपातकालीन चिकित्सा कौशल शामिल है। इसके अलावा पोटर के समर्थन के बिना ग्लेशियरों, बर्फ की दीवारों, चट्टानों और बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों में 100 किलोमीटर की दूरी को टीमों की प्रतिस्पर्धा के रूप में तय करना है।
चुनौती के अंतिम चरण की समाप्ति के बाद इस कार्यक्रम का समापन समारोह 18 जून, 2023 को घमसाली, उत्तराखंड में आयोजित किया जाएगा।