“विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में महिला शक्ति” विषय पर व्याख्यान का आयोजन

“विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में महिला शक्ति” विषय पर व्याख्यान का आयोजन

चंद्रयान के तीनों मिशन में महिलाओं की भागीदारी सराहनीय -राधिका रामचंद्रन

देहरादून। आंचलिक विज्ञान केंद्र, यूकॉस्ट में “विज्ञान एवं संस्कृति के क्षेत्र में महिला शक्ति” विषय के अंतर्गत एक लोकप्रिय व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसकी मुख्य वक्ता डॉ. राधिका रामचंद्रन, पूर्व निदेशक, अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, इसरो रही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर आई.टी.आई.टी.आई संस्थान,झाझरा व यूकॉस्ट के द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की शुरुआत में महान अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला की प्रेरणादायक जीवन यात्रा पर एक लघु फिल्म के प्रदर्शन से हुई। स्वागत उद्बोधन में तरूण विजय, पूर्व सांसद और अध्यक्ष, नंदा राज जात पूर्व पीठिका समिति व संस्थापक आई.टी.आई.टी.आई ने कहा कि चंद्रयान की सफलता ने कई युवा प्रतिभाओं को विज्ञान क्षेत्र की ओर आकर्षित किया है, उनकी रूचि शोध, अनुसन्धान और वैज्ञानिक गतिविधियों में बढाई है। उन्होंने इसरो वैज्ञानिकों की सादगी, प्रतिबद्धता और समर्पण की सराहना की तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के बारे में बात की।

डॉ. जी. माधवन नायर, पूर्व अध्यक्ष, इसरो ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से इसरो की वैज्ञानिक गतिविधियों से सबको अवगत कराया। सत्र की मुख्य वक्ता डॉ.राधिका रामचंद्रन ने इसरो वैज्ञानिक के रूप में अपनी यात्रा के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि चंद्रयान के तीनों मिशन में महिलाओं की भागीदारी सराहनीय रही है। उन्होंने इसरो के विभिन्न मिशन, चुनौतियों, उनके महत्व और भविष्य की प्रौद्योगिकियों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि हमें अंतःविषय अनुसंधान के अवसरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और विफलता को सफलता की यात्रा के एक हिस्से के रूप में स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और हमारा कर्तव्य है कि हम युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों पर शोध करने के लिए प्रोत्साहित करे।

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने यूकॉस्ट की विभिन्न विज्ञान लोकव्यापीकरण गतिविधियों और कार्यक्रमों से सबको अवगत कराया। उन्होंने विज्ञान जन-संवाद के महत्व और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के महत्त्व पर बात की । यह एक परस्पर संवादात्मक सत्र था जिसके बाद दो सत्र चर्चाओं के आयोजित किये गए , एक का विषय था विज्ञान के क्षेत्र में महिला शक्ति और दूसरी का विषय था संस्कृति के क्षेत्र में महिला शक्ति । विभिन्न संस्थानों से पैनलिस्ट डॉ. सीएम नौटियाल, डॉ. कालाचंद सेन, जीएस रौतेला, डॉ. डीपी उनियाल, कंचन डोभाल, डॉ. हिना, डॉ. आशीष और शिवाली अग्रवाल आदि ने विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में महिला की भागीदारी पर अपने विचार और अनुभव साझा किए। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. पीयूष जोशी, प्रभारी आर एस सी, और डॉ. रीमा पंत, शिक्षाविद और विज्ञान संचारक द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित संस्थानों आईआईआरएस, सीएसआईआर-आईआईपी, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, यूपीईएस, तुलास इंस्टीट्यूट, केवीआईएमए, आईटीआईटीआई आदि के शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, शोधकर्ता, छात्र – छात्राएं और यूकॉस्ट के अधिकारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में 300 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया ।

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