टमाटर पर चढ़ा महंगाई का रंग नहीं हो रहा फीका, हरी सब्जियां और फल भी खा रहे भाव

टमाटर पर चढ़ा महंगाई का रंग नहीं हो रहा फीका, हरी सब्जियां और फल भी खा रहे भाव

नई दिल्ली। टमाटर पर चढ़ा महंगाई का रंग फीका होने का नाम नहीं ले रहा। पिछले करीब एक महीने से खुदरा बाजार में इसके भाव चढ़े हुए है। स्थिति यह है कि टमाटर का भाव सब्जी वाले से पूछने के बाद खरीदार चुप्पी साध लेते हैं। अभी एक किलो टमाटर 140 रुपये में मिल रहा है। टमाटर के साथ ही हरी सब्जियों और फलों के भाव में भी कोई कमी नहीं दिखाई दे रही है। यहीं वजह है कि रेस्तरां और होटलों के सलाद में टमाटर गायब है।

सब्जियों व फलों से महंगाई की मार थमने का नाम नहीं ले रही है। परवल खुदरा बाजार में 120 रुपये तो कटहल 100 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। इसी तरह करैला, भिंडी, तोरई, घीया के भाव भी 70-80 रुपये प्रतिकिलो है। इससे लोगों की थाली से हरी सब्जियां कम होती जा रही है। घर, होटल, ढाबे में टमाटर का तड़का भी नहीं लग पा रहा है। टमाटर के महंगे होने से सबसे अधिक परेशानी उन लोगों को हो रही जो सावन के महीने में लहसून-प्याज का सेवन नहीं करते है।
सावन का महीना होने की वजह से फलों के भाव भी बढ़े हुए है।

50 रुपये दर्जन मिलने वाला केला 80 रुपये मिल रहा है। बाबू गोसा, नासपाती और आम भी 70-80 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। इसी तरह पपीता भी 70 रुपये प्रतिकिलो मिल रहा है। इस वजह से सावन के महीने में फलाहार पर रहने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सब्जी व फल बिक्रेता बंशी व गोपाल का कहना है कि बारिश की वजह से सब्जी व फल के कट्टे में ज्यादातर खराब आ रहे है।.

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