लगातार देर तक काम करना हो सकता है सेहत के लिए नुकसानदायक, जानें इसके प्रभाव को कम करने के 3 उपाय

लगातार देर तक काम करना हो सकता है सेहत के लिए नुकसानदायक, जानें इसके प्रभाव को कम करने के 3 उपाय

जीवनयापन करने के लिए काम करना बहुत जरूरी होता है, हाल ही में इन्फोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी, जिसके बाद सभी लोग हैरान हो गए थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय तक काम करना न सिर्फ आपकी पर्सनल और फैमिली लाइफ को नुकसान पहुंचता है, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बहुत नुकसानदायक है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि लंबे समय तक काम करने से क्या नुकसान होते हैं और इससे आप कैसे डील कर सकते हैं।

2021 में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि 2016 में स्ट्रोक और दिल के दौर के कारण लगभग 745000 लोगों की मौत हो गई थी। इसके पीछे की वजह लंबे समय तक काम करना, नींद ना आना, खराब डाइट और तनाव था. यह सभी कारण आपके दिल पर बुरा प्रभाव डालते हैं।

लॉन्ग वर्किंग घंटों के नुकसान
लंबे समय तक काम करने से न सिर्फ आपकी फैमिली और पर्सनल लाइफ बाधित होती है, बल्कि यह आपके शरीर के लिए भी नुकसानदायक होता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लॉन्ग वर्किंग ऑवर का प्रभाव आपकी डाइट और एक्सरसाइज रूटीन पर भी पड़ता है, क्योंकि आप इन सारी चीजों को कम कर देते हैं और काम पर फोकस करने लगते हैं। इतना ही नहीं ज्यादा समय तक काम करने वाले लोगों को सिगरेट, शराब, चाय, कॉफी जैसी लत भी जल्दी लग जाती है जिसका पूरा प्रभाव शरीर पर पड़ता है. ऐसे में काम और लाइफ के बीच में बैलेंस बनाना बहुत जरूरी है।
इस तरह से काम और लाइफ के बीच करें कोऑर्डिनेशन।

समय सीमा निर्धारित करें
वर्किंग लोगों के ऊपर हमेशा काम करने का दबाव होता है, लेकिन काम और आराम के बीच समय का कोआर्डिनेशन करना बहुत जरूरी होता है. आप अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करें और बीच-बीच में ब्रेक भी लें।

सेल्फ केयर
लॉन्ग वर्किंग ऑवर के साथ-साथ जरूरी है कि आप अपनी खुद की केयर भी करें। एक्सरसाइज के लिए समय निकालें, हेल्दी डाइट लें और समय से सोए और समय से उठें।

घंटे के हिसाब से काम करें
अपना वर्किंग शेड्यूल 8-8-8 के हिसाब से बनाएं, जिसमें 8 घंटे आपको काम करना है, 8 घंटे सोना है और 8 घंटे आपको अपने फैमिली, फ्रेंड्स और खुद के लिए निकलना है। इससे एक बैलेंस लाइफ बनी रहती है और स्ट्रेस लेवल भी कम होता है।

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