डब्ल्यूआईसी इंडिया, देहरादून में आयोजित हुआ “अजीब दास्तान है ये” कार्यक्रम,
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देहरादून। डब्ल्यूआईसी इंडिया, देहरादून ने विंग्स कल्चरल सोसाइटी के सहयोग से तारिक हमीद द्वारा निर्देशित ‘अजीब दास्तान है ये’, दो अनूठी कहानिया – ‘मरहूम की याद में’ और ‘बे’ का नाटकीय मंचन का आयोजन करवाया। हिंदी के विख्यात जनकवि अतुल शर्मा इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे। ‘मरहूम की याद में’ पत्रा बुखारी उनकी एकमात्र कृति “पत्रा के मजामीन” का एक प्रसिद्ध निबंध है। यह एक साइकिल की कहानी है जिसे पत्रा अपने दोस्त मिर्जा से खरीदता है। यह उर्दू में लिखी गई अब तक की सबसे मजेदार कहानियो में से एक है। तारिक हमीद ने इस कहानी का प्रदर्शन किया। ‘बे’ शौकत थानवी द्वारा लिखी गई एक लघु कहानी है। जिसमे ज्योतिषी द्वारा नायक से कहा जाता है कि आपकी मृत्यु का कारण उर्दू वर्णमाला के दूसरे अक्षर ‘बे’ से शुरू होने वाला एक शब्द होगा, जो अंग्रेजी में ‘बी’ और हिंदी में ‘ब’ है। नायक को जीवित रहने के लिए “बे” अक्षर से शुरू होने वाली सभी चीजों से सावधान रहना चाहिए। इस कहानी का मंचन राजगुरु मोहन द्वारा किया गया।
विंग्स कल्चरल सोसाइटी के संस्थापक और निदेशक तारिक हमीद ने कहा, “मैं डब्ल्यूआईसी इंडिया, देहरादून में दर्शकों के सामने प्रदर्शन करने के लिए बहुत उत्साहित हूं। मुझे उम्मीद है कि मैंने और मेरी टीम ने जो मंचन दर्शको के आगे किया है, वह उनको पसंद आया होगा मैं डब्ल्यूआईसी इंडिया में इस तरह के और प्रदर्शनों को भविष्य में भी आयोजित करने की आशा करता हूं।”
इस कार्यक्रम में 85 लोगों ने भाग लिया, जिनमें सचिन उपाध्याय, एमडी, अंकित अग्रवाल, निदेशक, डब्ल्यूआईसी इंडिया, देहरादून, शिवांकु भट्ट, पूर्व मिस्टर इंडिया वर्ल्डवाइड 2014, सुश्री वसुंधरा नेगी, एनएसडी की पूर्व छात्रा तथा टेक्निकल अफसर फियोम और डीआरडीओ और ग्राफिक एरा के फैकल्टी मेम्बर भी उपस्थित रहे।
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