मौत के नाम पर ठगी का नया तरीका, आंसुओं के सैलाब से बनाते हैं शिकार, हरिद्वार में सक्रिय है यह ठग गिरोह
![मौत के नाम पर ठगी का नया तरीका, आंसुओं के सैलाब से बनाते हैं शिकार, हरिद्वार में सक्रिय है यह ठग गिरोह मौत के नाम पर ठगी का नया तरीका, आंसुओं के सैलाब से बनाते हैं शिकार, हरिद्वार में सक्रिय है यह ठग गिरोह](https://indiatimesgroup.com/static/c1e/client/91201/uploaded_original/666b3c66a34133f2001bf7e6e12e3a44.jpeg)
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हरिद्वार। हरिद्वार शहर में एक ऐसा ही ठग गिरोह सक्रिय हो गया है। जो लोगों के किसी परिचित को अपना पिता बता रहा है। साथ ही उसकी मौत की सूचना देने के बाद लोगों से मदद के नाम पर रुपये मांग रहा है। पिछले एक सप्ताह में ठग गिरोह करीब दस से अधिक लोगों से ठगी कर चुका है। छोटी मोटी रकम के फेर में लोग पुलिस से शिकायत नहीं कर रहे हैं। जिससे ठग गिरोह के हौसले बुलंद हो गए हैं। शहर में ठग गिरोह ने लोगों से ठगी के लिए एक नया तरीका अपनाया है। दरअसल, ठग गिरोह के सदस्य अलग-अलग कॉलोनी में जा रहे हैं। ये लोग कॉलोनी के आसपास सब्जी, चाट का ठेला लगाने या कपड़े प्रेस करने वाले को अपना पिता बताते हैं। इनका नाम लेकर मौत की जानकारी देते हैं। कॉलोनी के आसपास रेहड़ी और ठेली लगाने वाले की मौत की खबर सुनकर एक बारगी लोग भी हैरत में पड़ जाते हैं।
रोने बिलखने का करते हैं नाटक
ठग गिरोह इन्हें अपने जाल में फंसाने के लिए रोने बिलखने का नाटक करता है और अंतिम संस्कार के लिए मदद मांगता है। लोग झांसे में आकर सौ से पांच रुपये दे देते हैं। लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है, तब तक बहुत देर हो जाती है। इस तरह से ही रुड़की शहर में ठगों ने दो कॉलोनियों में ठगी की घटना को अंजाम दिया है।
केस नंबर एक
रुड़की के सुभाषनगर में करीब एक सप्ताह पूर्व एक युवक लोगों के घरों के दरवाजे खटखटाता है। साथ ही पड़ोस में कढ़ी चावल बेचने वाले को अपना पिता बताते हुए मौत होने की जानकारी देता है। इसके बाद वह लोगों से अंतिम संस्कार करने के लिए आर्थिक मदद मांगता है। कढ़ी चावल के परिचित होने के चलते लोगों ने उसे सौ से पांच रुपये की मदद की। लेकिन जब बाद में उन्हें पता चला कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है तो वह हैरत में पड़ जाते हैं।
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केस नंबर दो
रुड़की के बीएसएम चौक के पास एक कॉलोनी में दो दिन पूर्व एक युवक पहुंचता है। वह एक घर का दरवाजा खटखटाता है। इसके बाद वह पास में कपड़ों पर प्रेस करने वाले का नाम लेकर उसे अपना पिता बताता हैै। साथ ही जानकारी देता है कि उनकी मौत हो गई है। अंतिम संस्कार के लिए मदद चाहिए। इस पर कॉलोनी के करीब दस लोग सौ से पांच सौ रुपये दे देते हैं। शाम को जब वह घूमने निकलते हैं तो प्रेस करने वाले को सही सलामत देखते हैं तो होश उड़ जाते हैं। वह उसके पास जाकर जानकारी लेते हैं तो पता चलता है कि उनके साथ ठगी हो गई है।
एसपी देहात प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कहा पुलिस के पास अगर ऐसी शिकायत आती है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। लोगों को ऐसे ठगों से सावधान होनी की जरुरत है। किसी भी मामले में बिना पुष्टि किए हुए लोग किसी के झांसे में न आएं।
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